दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घर में अकेली किशोरी के साथ मारपीट करने और उसके कपड़े फाडऩे के आरोपी दो युवकों को अदालत ने दोषी ठहराया है। दोनों आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत कुल 4 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। फैसला विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में बुधवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
मामला भिलाई भट्ठी थाना क्षेत्र के एक ग्राम का है। घटना के दिन 23 मई 2018 की के सेवेरे 10 बजे ग्राम 16 वर्षीय किशोरी की मां काम से मड़ौदा गई हुई थी। किशोरी घर में अकेली आंगन में बैठी हुई थी। इसी दौरान मोहल्ले के रहने वालें दुरना सोना उर्फ द्रोनी (24 वर्ष) तथा चंद्रशेखर उर्फ सोनू चंद्राकर (24 वर्ष) वहां पहुंचे और किशोरी के साथ छेडख़ानी करने लगे। जिसका विरोध किए जाने पर दोनों युवकों ने मिलकर उसके साथ मारपीट की और उसके कपड़ों को फाड़ दिया। जिसकी शिकायत पुलिस में की गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ दफा 354, 323 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट टे्रक कोर्ट में किया गया। प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी ने आरोपयिों को दोषी पाया। उन्होंने अपने फैसले में लिखा है कि आरोपियों ने लज्जा भंग करने के उद्देश्य से किशोरी के साथ आपराधिक बल का प्रयोग किया। यह कृत्य समाज को प्रभावित करने वाला और नैतिक मूल्यों का हास करने वाला व चारित्रिक पतन करने वाला अपराध है। मामले में दोनों आरोपियों को पॉक्सों एक्ट की धारा 8 के तहत 3-3 वर्ष कारावास व 2000-2000 रु. अर्थदंड़ तथा दफा 323 के तहत एक-एक वर्ष कारावास व 1000-1000 रु. अर्थदंड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।