कोरोना के वैश्विक संकट में भी प्रदेश सरकार सेवाकार्यों का कर रही कांग्रेसीकरण – विजय बघेल

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोनावायरस से उत्पन्न वैश्विक संकटकाल में समाजसेवी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों द्वारा साधनहीन और वंचितों को उपलब्ध कराई जा रही सेवा एवं सुविधा पर रोक लगाकर उसे जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदान किये जाने संबंधी प्रदेश सरकार के आदेश को सांसद विजय बघेल ने तानाशाहीपूर्ण और दमनात्मक कदम बताया। दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल ने कहा है कि वर्तमान में एक चुनौतीपूर्ण संकटकाल चल रहा है, जिसका सामूहिक भावना से ही सामना करके निपटा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस कार्य में सशक्त और समर्पित समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ जनप्रतिनिधिगण भी अपने अपने स्तर पर जनता को राहत पहुंचाने के लिए कोरोना से बचाव संबंधी संपूर्ण सावधानियों का पालन करते हुए सेवा कार्य कर रहे हैं, जिससे हजारों लोगों को राशन और भोजन उपलब्ध हो रहा है और विगत 2 सप्ताह से अधिक समय से जनसहयोगी संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सुरक्षित रूप से काम करते हुए व्यवस्थित वितरण किया जा रहा है, निस्वार्थ भाव से चल रही इस वितरण व्यवस्था से साधनहीन और वंचितों को बेहद मदद मिल रही थी लेकिन मुख्यमंत्री इसका कांग्रेसीकरण करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने यह फरमान जारी करवाया है कि जनसहयोगी संस्थाएं और जनप्रतिनिधि संबंधित जिला प्रशासन को सामग्री देंगे और जिला प्रशासन उसे वितरण करेगा। जिला प्रशासन पर कोरोना संकट से निपटने के लिए सीमित संसाधन और सीमित मानवशक्ति है और उसका वृहद कार्य है, ऐसे में वंचितों और साधनहीनों तक सामग्री उचित प्रकार से पहुंच पाना संभव ही नहीं है। इसी कारण जनसहयोगी संस्थाओं व जनप्रतिनिधियों द्वारा पूरी सावधानी बरतते हुए व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा रहा था जो कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री आंखों में खटकने लगा जिसके कारण संपूर्ण व्यवस्था का कांग्रेसीकरण करने के लिए यह आदेश जारी किया गया है। वास्तविकता यह है कि जनसहयोगी संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त सामग्रियों को कांग्रेस के पार्षद और विधायकों के द्वारा बंटवाने की कुत्सित मानसिकता साथ यह फरमान जारी किया गया है। ऐसे संकटकाल में भी अपनी वाहवाही लूटने की कुटिल मानसिकता के साथ काम करना बेहद शर्मनाक कृत्य है।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि शासन द्वारा बांटे जा रहे राशन के थैलों पर मुख्यमंत्री का फोटो छपवा कर बंटवाया जाना मुख्यमंत्री की आत्मप्रचार की भावना को प्रकट करता है। ऐसे समय में आत्मप्रचार की भावना से काम करना घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि उनके पास अलग-अलग नगरीय निकायों से यह शिकायत निरंतर आ रही है कि शासन द्वारा गरीबों को प्रदान किए जाने वाले राशन को कांग्रेस पार्टी के पार्षदों के द्वारा घर घर बंटवाया जा रहा है और भाजपा व निर्दलीय पार्षदों को उनके वार्डों में बांटने हेतु राशन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है जबकि उक्त राशन केवल अधिकारियों के माध्यम से ही बांटा जाना चाहिए परंतु कुम्हारी और पाटन सहित सभी नगरीय निकायों में कांग्रेसी पार्षदों के माध्यम से शासन का राशन बंटवाया जाना सत्ता का दुरुपयोग और कांग्रेसीकरण है। एक तरफ तो वंचितों और साधनहीनों को भोजन व अन्य आवश्यक सामग्री बांटने से जनसहयोगी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों को रोकने के लिए आदेश निकाला जाता है और दूसरी तरफ सरकारी राशन कांग्रेसी पार्षदों के माध्यम से बटवाया जा रहा है, कोरोना जैसे वैश्विक संकट से सामूहिक भावना से काम करके  निपटने की बजाय प्रदेश शासन की नीयत केवल वाहवाही लूटने और आत्म प्रचार पाने की ही है। संकटकाल में जब सारे लोगों को साथ लेकर चलना होता है, उस समय दलगत राजनीति के आधार पर घटिया मानसिकता के साथ काम किया जा रहा है। विगत 2 सप्ताह से अधिक समय से लगातार सेवा दे रहे जनसहयोगी संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों के कार्यकर्ताओं पर एफ आई आर करने की धमकी दी जा रही है। ऐसे में कोई क्यों सेवा कार्य करने के लिए सामने आएगा, इसका परिणाम यह होगा कि वंचितों और साधनहीनों को बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ेगा।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि राजनीतिक कारणों के चलते ही प्रदेश सरकार ने तबलीगी जमात के लोगों के खिलाफ नरमी बरती और छत्तीसगढ़ को कोरोना मुक्त कराने की झूठी वाहवाही लूटने के लिए सामने आ गए जिसके अगले दिन से ही प्रदेश में अचानक 20 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के सामने आए यदि तबलीगी जमात को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से ही अलर्ट होती और उनके खिलाफ नरमी नहीं बरती होती तो ऐसी विस्फोटक स्थिति कभी नहीं बनती। झूठी वाहवाही लूटने और तबलीगी जमात के साथ नरमी बरतने के चक्कर में कोरोना को प्रदेश में फैलने का मौका मिला।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार  जनसहयोगी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों को सेवा कार्य से रोकना चाहती है और जनसहयोगी संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों की सामग्री पर कांग्रेसी ठप्पा लगाकर जनता से झूठी वाहवाही लूटना चाहती है।