नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2025:
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले की जांच के तहत रायपुर और महासमुंद स्थित पांच ठिकानों पर छापेमारी की है। ये कार्रवाई तीन रायपुर और दो महासमुंद में उन व्यक्तियों के ठिकानों पर की गई जो मध्यस्थ (middlemen) या सॉल्वर की भूमिका में थे। छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत बरामद किए गए हैं।
यह कार्रवाई CGPSC भर्ती घोटाले की उस जांच के सिलसिले में हुई है, जिसमें 2020 से 2022 के बीच कथित रूप से बिना योग्यता के आधार पर डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियां हुई थीं। पहले यह मामला स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, जिसे बाद में छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर CBI ने अपने हाथ में लिया।

इस घोटाले में CBI ने पहले ही कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की हैं:
- 18 नवंबर 2024 को तत्कालीन CGPSC चेयरमैन तामन सिंह सोनवानी और श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर के डायरेक्टर श्री श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया गया था।
- 10 जनवरी 2025 को नितेश सोनवानी (तत्कालीन चेयरमैन के भतीजे, DC चयनित) और ललित गणवीर (तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, CGPSC) को गिरफ्तार किया गया।
- 12 जनवरी 2025 को शशांक गोयल और भूमिका कटियार (दोनों DC चयनित) एवं साहिल सोनवानी (DSP चयनित) को भी गिरफ्तार किया गया।
CBI ने 16 जनवरी 2025 को विशेष न्यायाधीश, CBI मामलों की अदालत, रायपुर में सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी:
- तामन सिंह सोनवानी (A-1)
- श्रवण कुमार गोयल (A-2)
- शशांक गोयल (A-3)
- भूमिका कटियार (A-4)
- नितेश सोनवानी (A-5)
- साहिल सोनवानी (A-6)
- ललित गणवीर (A-7)
CBI की जांच अभी भी अन्य उम्मीदवारों, CGPSC अधिकारियों और अन्य संदिग्धों के खिलाफ चालू है ताकि पूरे षड्यंत्र की परतें खोली जा सकें।
