रायपुर, 18 अप्रैल 2025 — छत्तीसगढ़ राज्य में गैर संचारी रोगों (NCD) जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और कैंसर के स्क्रीनिंग, इलाज और मॉनिटरिंग के लिए अब डिजिटल तकनीक एक नई क्रांति लेकर आई है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू की गई आभा आईडी (Ayushman Bharat Health Account) इस दिशा में गेमचेंजर साबित हो रही है।
इस आईडी के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मियों के साथ इसे तुरंत साझा कर सकते हैं। इससे अस्पतालों, क्लीनिकों और लैब्स के बीच सूचना का आदान-प्रदान आसान हुआ है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

छत्तीसगढ़ में आभा आईडी को राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल से जोड़ा गया है। इससे मरीजों की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और फॉलोअप की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है। दुर्ग जिले में इस पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच 12,627 मरीजों की आभा आईडी उनके रिकॉर्ड से जोड़ी गई।
इसका परिणाम यह हुआ कि आभा से जुड़े मरीजों में फॉलोअप रेट 68% रहा, जबकि बिना आभा वाले मरीजों में यह सिर्फ 37% था। ब्लड प्रेशर और डायबिटीज नियंत्रण के मामले में भी आभा ने प्रभाव दिखाया — आभा से जुड़े 49% मरीज नियंत्रण में रहे, जबकि अन्य में यह दर 29% रही।
स्वास्थ्य सेवाएं संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि आभा आईडी को प्रोत्साहित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) की मदद से स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, और हिंदी में वीडियो सामग्री बनाकर आधार से जुड़ाव की प्रक्रिया आसान की जा रही है।
यह पहल न केवल बीमारियों की रोकथाम में मदद कर रही है, बल्कि आमजन का स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं पर विश्वास भी बढ़ा रही है।
