10 साल की नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाने और अप्राकृतिक कृत्य करने के 26 वर्षीय आरोपी को न्यायालय द्वारा जीवन भर की कैद में रख ेजाने का आदेश दिया है। यह फैसला न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी की अदालत में मंगलवार को सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र का है। 10 जनवरी 2017 की शाम को स्कूल की छुट्टी के बाद पीडि़त नाबालिग की बहन घर वापस लौटी तो देखा कि घर का दरवाजा बंद है और अंदर से छोटी बहन के चिल्लाने का आवाज आ रही थी। दरवाजा खोलने पर देखा कि घर में उसका छोड़ी बहन के साथ आरोपी संजू आडि़ल मौजूद था। नाबालिग जहां वस्त्रहीन थी, वहीं युवक संजू कपड़े पहन रहा था। बड़ी बहन ने शंका होने पर अपने भाई के साथ संजू को पकडऩे का प्रयास किया तो वह मौके से भाग निकला। जिसके बाद नाबालिग बहन ने संजू द्वारा उसके साथ अनाचार किए जाने के साथ अप्राकृतिक कृत्य भी किए जाने की जानकारी दी। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस में की गई थी। जिसके आधार पर पलिस ने आरोपी संजू आडिल के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर फास्ट टे्रक कोर्ट की न्यायाधीश शुभार पचौरी की अदालत में विचारण किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने संजू आडि़ल को नाबालिग के साथ अनाचार व अप्राकृतिक कृत्य करने का दोषी माना। आरोपी को दफा 376(2) के तहत शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिए कारावास तथा 5 हजार रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया। इसके साथ ही दफा 377 व पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10-10 वर्ष के कारावास व 500-500 रु. के अर्थदंड से भी दंडि़त किया गया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।