शासन द्वारा किए गए कर्ज माफी के निर्णय के पश्चात और 2500 रुपए धान खरीदी के देने के निर्णय से किसानों का बड़ा तबका कृषि की ओर वापस मुड़ा है। दुर्ग जिले के धान खरीदी के आंकड़े इस बारे में बताते हैं। पिछले साल 74 हजार 892 किसानों ने जिले के धान खरीदी केंद्रों में अपना धान बेचा था। इस बार यह संख्या बढ़कर 80 हजार 692 हो गई है। इस प्रकार यह बढ़त सात प्रतिशत की है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किसानों को दिए गए प्रोत्साहन के नतीजे पंजीकृत किसानों के आंकड़ों में भी पता चलता है। पिछले साल पंजीकृत किसानों की संख्या 78 हजार 859 थी जो इस साल बढ़कर 88 हजार 311 हो गई। इस बार तीन लाख 62 हजार 151 क्विंटल धान समितियों द्वारा खरीदा गया। जिले के धान खरीदी केंद्रों में टोकन वगैरह की अच्छी व्यवस्था बनाई गई थी। प्रशासन द्वारा कोशिश की गई थी कि किसानों को धान खरीदी केंद्र पहुंचते ही काफी कम समय में धान खरीदी की सुविधा दी जा सके। इसके साथ ही खरीदी केंद्रों की मानिटरिंग की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। मानिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए थे। इससे जिले में खरीदी की व्यवस्था अच्छी रही।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कार्यभार ग्रहण करते ही किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए 2500 रुपए में धान खरीदी का निर्णय और कर्जमाफी किसानों के लिए संजीवनी की तरह साबित हुआ। कुल पंजीकृत किसान एवं धान के रकबे के आंकड़े इस बात का प्रमाण है। जहां पिछले वर्ष 2018-19 में यह एक लाख छह हजार चार सौ पंद्रह था वहीं वर्ष 2019-20 में यह बढ़कर एक लाख आठ हजार 662 हो गया है।