सीएम विष्णु देव साय पहुंचे करिगांव बिना पूर्व सूचना, ग्रामीणों को चौंकाकर दिया बड़ा संदेश!

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के करिगांव गांव में सोमवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अचानक वहां पहुंच गए। ग्रामीणों को पहले से उनके आगमन की कोई सूचना नहीं थी, जिससे लोग चौंक गए। मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर जहां लिमगांव में उतरने वाला था, वह अचानक सीधे बन्दोरा गांव में उतर गया। इस अप्रत्याशित बदलाव से प्रशासनिक अमला असमंजस में पड़ गया और सभी तैयारियों को तुरंत करिगांव की ओर मोड़ना पड़ा।

पीपल के पेड़ के नीचे खाट, सीधा संवाद
करिगांव पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने गांव के प्रसिद्ध पैठू तालाब से ग्रामीण महिलाओं द्वारा भेंट किए गए कमल के फूल और हल्दी चावल के तिलक के साथ परंपरागत स्वागत स्वीकार किया। महिलाओं ने मुख्यमंत्री की आरती उतारी और पूरे गांव में उत्सव का माहौल बन गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गांव के पीपल पेड़ के नीचे खाट पर बैठकर चौपाल लगाई और ग्रामीणों से सीधे संवाद किया।

जनता से जुड़ा सुशासन का चेहरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन का असली अर्थ है लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझना और उनका समाधान देना। उन्होंने ग्रामीणों से प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन योजना, धान बोनस और आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन की जानकारी ली।

इस दौरान उन्होंने ग्रामवासी सोनाई बाई के घर जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान का निरीक्षण भी किया। दिलेश्वरी, जो मुख्यमंत्री को सामने देखकर हतप्रभ रह गई थीं, ने महतारी वंदन योजना के जरिए मिली सहायता का अनुभव साझा किया।

कई घोषणाएं, त्वरित निर्णय
ग्रामीणों की समस्याओं को सुनते हुए मुख्यमंत्री ने मौके पर ही कई घोषणाएं कीं:

  • करिगांव में नया पंचायत भवन बनेगा।
  • हर सप्ताह एक दिन पटवारी कार्यालय करिगांव में संचालित होगा।
  • नोनी मईया देवी मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा।
  • अवैध भूमि कब्जे की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

धान नहीं, वैकल्पिक फसल पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को धान के साथ-साथ अन्य फसलों की खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गर्मी में कम पानी और कम बिजली की खपत वाली फसलें किसानों के लिए ज्यादा लाभदायक होंगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे विकास के कार्यों को केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर देखना चाहते हैं और इसके लिए वे कभी भी, कहीं भी पहुंच सकते हैं।

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