बेमेतरा, 05 मई 2025 – छत्तीसगढ़ शासन की सुशासन तिहार 2025 के तीसरे चरण के अंतर्गत आज बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत खेड़ा में समाधान शिविर का आयोजन हुआ। इस शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल शामिल हुए और उन्होंने 13 ग्राम पंचायतों से प्राप्त 2641 आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित कराया।
यह शिविर सिर्फ आवेदन निराकरण का मंच नहीं रहा, बल्कि जनकल्याण की योजनाओं को आमजन तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम भी बना। मंत्री श्री बघेल ने कहा, “अब सरकार आपके द्वार पर है, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ समस्याओं का समाधान कर रही है।”

किसानों से बच्चों तक, हर वर्ग को मिला लाभ
समाधान शिविर में मंत्री बघेल ने किसान जितेंद्र वर्मा और प्रीतम वर्मा को किसान किताबें दीं, बुजुर्गों को वायवंदन कार्ड, पात्र हितग्राहियों को राशन कार्ड, सुकन्या समृद्धि योजना की पासबुक, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के प्रमाण पत्र, नोनी सुरक्षा योजना की सामग्री, तथा मछुआरों को मछली जाल प्रदान किए। इसके साथ ही कक्षा 9वीं और 11वीं के मेधावी बच्चों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
शिविर में रहा प्रशासनिक अमला सतर्क
मौके पर कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा, अपर कलेक्टर श्री अनिल बाजपेयी, एसडीएम श्रीमती दिव्या पोटाई, जनप्रतिनिधि अजय साहू, सरपंचगण और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री बघेल ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा, “समाधान शिविर में अधूरी जानकारी देना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी विभाग योजनाओं की पूरी जानकारी दें ताकि आमजन सीधे लाभ ले सकें।”
1.4 लाख में से 99,000 से अधिक आवेदन निपटे
कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि पहले चरण में 1,40,780 आवेदन समाधान पेटियों के माध्यम से प्राप्त हुए थे। अब तक दूसरे चरण में 99,000 से अधिक आवेदनों का निराकरण हो चुका है। सबसे अधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आए हैं — जिनमें से 22,000 आवास स्वीकृत और 50,000 का सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है।
पेंशन, स्वच्छता मिशन, बिजली कनेक्शन, राशन कार्ड, भूमि सीमांकन और फौती के मामलों का भी शत-प्रतिशत समाधान किया जा चुका है।
जनता से सीधा संवाद, योजनाओं की सीधी पहुँच
मंत्री श्री बघेल ने कहा, “समाधान शिविर शासन की मंशा का जीवंत उदाहरण हैं। यह मंच न केवल समस्याओं के समाधान का है, बल्कि जन-जन तक योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने का भी माध्यम है।”
