रायपुर, 3 मई 2025 – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चिकित्सा क्षेत्र ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) की टीम ने एक असफल केस को ‘एक्साइमर लेजर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (ELCA)’ तकनीक से सफल बनाया, जो देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
क्या है यह मामला?
70 वर्षीय मरीज, जिसकी राइट कोरोनरी आर्टरी में अत्यधिक कैल्शियम जमा हो चुका था, उसे रायपुर लाया गया। निजी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी असफल रही थी क्योंकि वायर भी ब्लॉकेज पार नहीं कर सका था। इसके बाद मरीज को ACI लाया गया, जहां डॉ. स्मित श्रीवास्तव की अगुवाई में विशेषज्ञों की टीम ने लेजर तकनीक से कैल्शियम को काटते हुए रास्ता बनाया, और फिर स्टेंट लगाकर हृदय की नस को खोला गया।

कैसे हुआ ये चमत्कार?
मरीज के दाहिने हाथ की धमनी से कैथेटर दिल की ब्लॉकेज तक पहुंचाया गया। लेजर और कटिंग बैलून की मदद से कैल्शियम चट्टान की तरह काटा गया, फिर दो स्टेंट लगाकर एंजियोप्लास्टी पूरी की गई। इस प्रक्रिया को देशभर के कार्डियोलॉजिस्ट्स ने लाइव देखा और सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ की चमक
यह लाइव डेमोंस्ट्रेशन जबलपुर में आयोजित कार्डियोलॉजी सम्मेलन (CSI Conference) के दौरान वर्चुअल माध्यम से किया गया। इसका स्वस्थ परिणाम न केवल मरीज के लिए राहत था, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की चिकित्सा क्षमताओं की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी बन गया।
टीम का विशेष योगदान
इस सफलता में डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. प्रतीक गुप्ता, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन और मेडिकल सोशल वर्कर की अहम भूमिका रही। उपचार मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत किया गया, जिससे मरीज को कोई आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ा।
