पाहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के महज 10 दिन बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कूटनीतिक और रणनीतिक कार्रवाई तेज कर दी है। भारत सरकार ने शनिवार को दूसरी चरण की बड़ी कार्रवाइयों की घोषणा की, जिसमें बगलीहार डैम से पानी के प्रवाह को नियंत्रित करना, पाकिस्तानी सामान के आयात पर रोक, पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारत में डॉकिंग पर प्रतिबंध और डाक सेवाओं का पूरी तरह से निलंबन शामिल हैं।
इस बीच, भारत ने पाकिस्तान द्वारा शनिवार को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘अब्दाली वेपन सिस्टम’ के परीक्षण की कड़ी निंदा की है। यह मिसाइल परीक्षण पाकिस्तान की “Exercise Indus” सैन्य ड्रिल के तहत सोनमियानी रेंज में किया गया, जो उसकी परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइलों की कमान, ASFC (Army Strategic Forces Command), के अधीन आता है।

दिल्ली में एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे “उकसावे की एक खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाई” बताते हुए कहा, “ऐसे तनावपूर्ण माहौल में यह परीक्षण पाकिस्तान की आक्रामक मंशा का संकेत है।”
भारत की सबसे बड़ी रणनीतिक प्रतिक्रिया बगलीहार डैम से पानी के प्रवाह को सीमित करने को लेकर रही। यह डैम चिनाब नदी पर बना है, जो सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाली पश्चिमी नदियों में से एक है। भारत के एक अधिकारी ने कहा, “भले ही यह रुकावट अस्थायी हो, लेकिन यह संकेत देने के लिए काफी है कि हम हर मोर्चे पर सख्त कदम उठाने को तैयार हैं।”
सूत्रों के अनुसार, भारत किशनगंगा डैम पर भी इसी तरह की कार्रवाई पर विचार कर रहा है, जो झेलम नदी पर स्थित है।
भारत सरकार ने शनिवार को पाकिस्तान के साथ सभी तरह की डाक और पार्सल सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया। यह निर्णय संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डाक विभाग द्वारा जारी किया गया। इसके कुछ घंटों बाद, भारत ने पाकिस्तानी ध्वज वाले किसी भी जहाज को अपने बंदरगाहों में प्रवेश की अनुमति देने से मना कर दिया। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि कोई भी भारतीय झंडा धारण करने वाला जहाज पाकिस्तान के किसी भी बंदरगाह का दौरा नहीं करेगा।
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने पाहलगाम हमले के बाद से अरब सागर में अपनी नौसैनिक गतिविधियां बढ़ा दी हैं, लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है, और अब मिसाइल परीक्षण जैसी उकसावे वाली गतिविधियों में संलिप्त हो गया है।
भारत का यह कड़ा रुख अब यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
