रेलवे के टे्रकमेन का ट्रांसफर नहीं किए जाने के लिए 25 हजार रु. की रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में एसीबी ने कार्रवाई करते हुए आरोपी एसईसीआर के सुपरीटेंडेंट को 10 हजार रु. की रिशवत लेते रंगेहाथ अपनी गिरफ्त में लिया है। आरोपी को न्यायायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेज दिया गया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला एसईसीआर के चरौदा सेक्शन का है। यहां पदस्थ सुपरीटेंडेंट एस. भट्टाचार्य (52 वर्ष) पर 25 हजार रु. की रिश्वत की मांग किए जाने की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरों (एसीबी) से टे्रकमेन श्रीसुरेश ने की थी। यह रकम श्रीसुरेश का अंयत्र ट्रांसफर नहीं किए जाने के लिए मांगी गई थी। लगभग एक माह पूर्व की गई इस शिकायत पर एसीबी द्वारा सोमवार को कार्रवाई की गई। सुनियोजित तरीके से रंग लगे 10 हजार रु. श्रीसुरेश को बतौर रिश्वत की किश्त में देने के लिए मुहैया कराए गए। जिसे एस. भट्टाचार्य को उसके आफिस में सौंपा गया। रिश्वत दे दिए जाने का इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने दबिश दी और भट्टाचार्य को अपने कब्जे में ले लिया गया। आरोपी की पेंट की जेब में रखे रंग लगे नोट भी बरामद कर लिए गए। दबिश एसीबी डीएसपी प्रशांत शुक्ला के के नेतृत्व में 6 सदस्यी टीम द्वारा दी गई थी।
एसीबी की गिरफ्त में आए सुपरीटेंडेंट एस. भट्टाचार्य को एसीबी कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है। जहां आरोपी को न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू ने 15 दिन की न्यायायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेजे जाने का आदेश दिया है।