मोटर सायकल के फिसलने से उपजे विवाद पर मारपीट कर युवक की जान लेने के आरोप में न्यायालय द्वारा 2 महिलाओं के साथ 4 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। चारों आरोपी एक ही परिवार के सदस्य है। मामले के आरोपियों को हत्या के आरोप में उम्रकैद से दंडि़त किए जाने का फैसला न्यायाधीश विजय कुमार साहू की अदालत में सुनाया गया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक एनपी यदु ने पैरवी की थी। मामले में सबसे दुखद पहलू यह है कि युवक की जिस दिन हत्या हुई उसी दिन उसका जन्मदिन भी था।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के कसारीडीह क्षेत्र का है। 14 फरवरी 2016 को कसारीडीह चौक पर स्थित बजरंग होटल के पास एक बच्ची को बचाने के फेर में मोटर सायकल फिसल कर गिर गई थी। इस मोटर सायकल मोनू सेन के मुकेश विश्वकर्मा तथा संतोष सिंहा सवार थे। तीनों संतोष सिंहा का जन्म दिन मनाकर सिविक सेंटर से लौट रहे थे। मोटर सायकल के गिरने को लेकर वहां मौजूद नौशाद अली उर्फ बाबा का मोनू सेन से विवाद हो गया। जिसके बाद नौशाद अपने घर जाकर अपने भाई हैदर अली उर्फ चीकू, बहन रूखसाना तथा मां गौसिया बी को बुला लाया। हैदर चाकू लेकर तो नौशाद हथौडा लेकर तथा मां गौसिया बी लोहे का झारा लेकर मौके पर पहुंची थी। उन्होंने मोनू पर हमला कर दिया। बीच बचाव का प्रयास करने पर संतोष सिंहा पर हैदर ने चाकू से वार कर दिया। वहीं आरोपी गौसिया लौहे के झारा से, नौशाद लोहे की हथौडी से और रुखसाना ने हाथ मुक्के से मोनू और संतोष के साथ मारपीट की। गभीर रुप से घायल मोनू और संतोष को उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने संतोष सिंह को मृत घोषित कर दिया। वहीं मोनू को उपचार के लिए अपोलो अस्पताल रैफर कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ दफा 302, 307, के साथ 25-27 आम्र्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश विजय कुमार साहू ने नौशाद, हैदर, रुखसाना व गौसिया बी को हत्या तथा जानलेवा हमला करने का दोषी करार दिया। इसके साथ ही अभियुक्त हैदर उर्फ चीकू को 25-27 आम्र्स एक्ट के तहत भी दोषी माना गया है। मामले में सभ आरोपियों को दफा 302 के तहत उम्रकैद, 1000-1000 रु. अर्थदंड़, 307 के तहत 10-10 वर्ष के कारावास तथा 1000-1000 रु. के अर्थदंड से से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा आम्र्स एक्ट की धारा 27(1) के तहत हैदर अली को 3 वर्ष कारावास व 500 रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है। सभी सजाए साथ साथ चलेंगी।