छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि उच्च शिक्षा में नई पहल आज की आवश्यकता है। विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए समय के अनुरूप उच्च शिक्षा में परिवर्तन की सदैव जरूरत रहती है। छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही नैक में अच्छी ग्रेडिंग के लिए कार्य योजना बनाने और विश्वविद्यालय में रिक्त शैक्षणिक पदों को भरने के लिए कहा गया है।
रायपुर(छत्तीसगढ़)। राज्यपाल उइके सोमवार को रायपुर के श्रीरावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा में नई पहल विषय पर आयोजित सम्मेलन में शामिल में अपने विचार प्रकट कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं सभी विश्वविद्यालय में निरीक्षण के लिए जाएंगी और यह देखेंगी कि वहां किस प्रकार की कमियां है, उसे पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। इस सेमिनार से निकले निष्कर्ष प्रदेश ही नहीं पूरे देश में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने में उपयोगी सिद्ध होंगे। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षण कार्य उच्च शिक्षण संस्थाओं का प्रमुख मौलिक कार्य है। यह पाया जाता है कि अधिकांश विश्वविद्यालय में परम्परागत पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। प्रयास करें कि पाठ्यक्रम वर्तमान समय के अनुसार हो, उसमें रचनात्मकता हो। विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम को निरंतर अपडेट किया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय में होने वाले शोध को सामयिक बनाने पर भी जोर दिया। सुश्री उइके ने विश्वविद्यालयों को रोजगारोन्मुख होने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। गुरू और शिष्य का संबंध महान होता है। शिष्य कभी भी कितने बड़े पद पर पहुंच जाए, तो भी गुरू हमेशा पुज्यनीय और सर्वोपरि होता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष धीरेन्द्रपाल सिंह ने भी कार्यक्रम को में युवाओं के सर्वागीण विकास के लिए किए जाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने गत दिनों प्रकृति के लिए प्रदत्त नामक पत्रिका जारी किया है। इस पत्रिका का पत्रिका का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया। इस अवसर पर संत श्री रावतपुरा सरकार, कुलपति अंकुर अरूण कुलकर्णी सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और शिक्षकगण उपस्थित थे।