अनुबंध के अनुसार फ्लैट में नहीं दी सुविधाएं, लैण्डमार्क एसोसिएट्स को 31 क्रेताओं को देना होगा हर्जाना

विक्रय किए गए फ्लैट्स में करार के अनुसार सुविधाएं नहीं देने तथा निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की अनदेखी किए जाने के मामले में उपभोक्ता फोरम द्वारा लैण्ड मार्क एसोसिएट के खिलाफ आदेश पारित किया गया है। फोरम ने एसोसिएट के भागीदार सुभाष कुशवाहा को फ्लैट के 31 खरीददारों को 2-2 लाख रु. मानसिक क्षतिपूर्ति अदा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा फ्लैट्स में करार के अनुसार गुणवत्ता युक्त सामग्री लगाने व सुविधाए प्रदान करने का निर्देश दिया है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला शहर के पोटिया कला में लैण्डमार्क एसोसिएट द्वारा विकसित आनंद विहार अपार्टमेंट से संबंधित है। लैण्डमार्क एसोसिएट्स के भागीदार सुभाष कुशवाहा द्वारा आनंद विहार फेस-2 अपार्टमेंट में पांच ब्लॉक का निर्माण किया गया था। इन ब्लॉक्स के फ्लैट्स को अनुबंध कराकर विभिन्न खरीददारों को बेंचा गया था। फ्लैट की रजिस्ट्री वास्तिविक कीमत से कम राशि की कराई गई। इसके अलावा अनुबंध के अनुसार फ्लैट मं लगाई सामग्री की गुणवत्ता में भी कमी थी। साथ ही सुविधाओं का आभाव था। इस प्रकरण को खरीददारों जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया था। प्रकरण पर विचारण पश्चात उपभोक्ता फोरम ने इसे सेवा में कमी के साथ व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में मानते हुए एसोसिएट्स के भागीदार सुभाष कुशवाहा के खिलाफ आदेश पारित किया है। फोरम ने एक माह की अवधि में सभी 31 परिवादियों को मानसिक क्षतिपूर्ति के रुप में 2-2 लाख रु. व वाद व्यय की राशि 1000-1000 रु. अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही फ्लैट में अनुबंध के अनुसार सुवधिाएं प्रदान करने के निर्देश दिया है।
इन हितग्राहियों को मिलेगा हर्जाना
जिला उपभोक्ता फोरम ने एसोसिएट के भागीदार को फ्लैट खरीददार जय अशोक सोनी, खिलाड़ी घोष, राहुल अग्रवाल, संतोष कुमार साहू, खेम बाई, यामिनी साहू, लाल बहादुर राय, मारोती, प्रिंस देवांगन, स्वाती पांडे, नवनीत कुमार शुक्ला, दिलीप देवांगन, देवी प्रसाद मिश्रा, रेखा चंद्राकर, कलीराम बोरकर, जितेन्द्र चतुर्वेदी, दिलीप कुमार चंद्राकर, भानुमति चतुर्वेदी, ज्योति संजय द्विवेदी, हिमांचल मिश्रा, राजकुमार दुबे, टमेश श्रीवास, जगत पुरोहित, कल्पना पांडेय, शशिकांत अग्रवाल, सरस्वती देवांगन, ज्योति साहू, भगवती चंद्राकर, थलेश कुमार वैष्णव, सुनीता जैन, दिपीका पॉल के पक्ष में फैसला सुनाया है।

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