पूजा सामग्री बेचने की आड़ में कर रही थी अवैध गांजा बिक्री का गोरखधंधा, महिला को मिला 4 वर्ष का कारावास

पूजन सामग्री की दुकान में बिक्री के उद्देश्य से संग्रहित कर रखे गए अवैध गांजा के मामले में न्यायालय द्वारा आरोपी महिला को 4 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। अवैध गांजा के संग्रहण के मामले में अदालत ने महज 6 माह में फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश गरिमा शर्मा की अदालत में दिया गया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजय कसार ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है। पुलिस ने बैगापारा स्थित मंदिर के सामने नारियल चुनरी दुकान से अवैध गांजा बरामद किया था। यह गांजा आरोपी सरोज चंद्राकर ने बिक्री के उद्देश्य से दुकान में छुपा कर रखा था। मुखबीर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने 4 मई 2019 को दुकान दबिश दी थी। जहां से सरोज चंद्राकर के कब्जें से 2 किलो 200 ग्राम गांजा बरामद किया गया था। पुलिस ने गांजा को जब्त कर आरोपी महिला के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की 20 (ख) के तहत कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा एफएसएल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई थी। जिसमें दुकान से जब्तशुदा सामग्री के गांजा होने की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा गवाहों ने भी अभियोजन पक्ष का समर्थन किया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश गरिमा शर्मा ने आरोपी सरोज चंद्राकर को बिक्री के उद्देश्य से अवैध गांजा का संग्रहण करने का दोषी पाया। मामले में न्यायाधीश ने आरोपी महिला को नारकोटिक्स एक्ट की धारा 20 (ख) के तहत 4 वर्ष के कारावास तथा 20 हजार रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर महिला अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

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