टावर लगाने सहित विभिन्न योजना के तहत रकम दिलाने का झांसा देकर रकम हड़पने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा पुलिस द्वारा किया गया है। इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्त में लिया है। वहीं गिरोह के 8 आरोपियों की पुलिस को तलाश है। गिरोह का संचालन यूपी व दिल्ली से किया जा रहा था। ठगी का मास्टर मांइड नोएडा निवासी अपूर्व गुप्ता अपने साथियों के साथ मिलकर इस गिरोह को संचालित कर रहा था। पुलिस पूछताछ में अब तक 100 से अधिक व्यक्ति से 6 कोरड़ रु. से अधिक की रकम हड़पें जाने का खुलासा हुआ है। आरोपियों के खिलाफ दफा 420, 467, 468, 471 तहत कार्रवाई की गई है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पुलिस ने इस गिरोह की पड़ताल में खुर्सीपार थाना में एक वृद्ध महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद प्रारंभ की थी। ठगी का शिकार हुई मनोरमा जैन (62 वर्ष) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे अंजान व्यक्तियों ने मोबाइल पर कॉल कर टावर लगाने व एलआईसी मेच्युरिटी की रकम दिलाने का झांसा देकर विभिन्न बैंको की शाखाओं में रकम ट्रांसफर करा ली गई है। महिला ने ठगों द्वारा 62 लाख रु. की रकम हड़प लिए जाने की जानकारी दी थी। शिकायत का जानकारी एसएसपी अजय यादव को मिलने पर उन्होंने ठगी की इस वारदात का खुलासा करने साइबर सेल के साथ टीम का गठन किया। जिन मोबाइल नंबर से वृद्ध महिला को कॉल आए थे तथा जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी, उनकी पतासाजी प्रारंभ की गई। पड़ताल में खुलासा हुआ कि जिन बैंकों के खातों में रकम का ट्रांसफर हुआ है, वे लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा व व दिल्ली की बैंक शाखाओं में संचालित है। केवायसी व मोबाइल नंबरों को लोकेशन की जांच में आरोपियों के इन्हीं क्षेत्रों में सक्रीय होने की जानकारी सामने आई।
पड़ताल में सबसे पहले खाताधारक रंजीत सिह पुलिस के हत्थे चढ़ा। पूछताछ में रंजीत सिंह ने कुणाल कपूर व अजय शर्मा के नामों को खुलासा किया, लेकिन उनके संबंध में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पाई। जिसके बाद साइबर टीम ने खातों से रकम निकासी के संबंध में जानकारी जुटाई और बैंकों के एटीएम के सीसी टीवी फुटेज को खंगाला। जिसमें नोएडा के चैरी काउंटी के एक एटीएम में एक आरोपी का स्पष्ट नजर आया। टीम ने इस युवक पर नजर रखना प्रारंभ किया और उसे दबोच लिया। इस युवक की निशानदेही पर एक कॉल सेंटर पर दबिश दी गई, जहां से 25 वायरलेस 2जी सेट बरामद किए गए। इन सेट्स के माध्यम से कॉल सेंटर के कर्मचारी लोगों से संपर्क कर उन्हें झांसा देकर रकम हड़प कर रहे थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे फर्जी नाम से लोगों को अपना शिकार बनाते थे। यह कारोबार लगभग 3 साल से अधिक समय से चल रहा था।
इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस की टीम ने ठगी के इस गिरोह केमास्टर मांइड अपूर्व गुप्ता (29 वर्ष, नोएडा), मंजेश चौहान (31 वर्ष, गाजियाबाद), सैयद मोहम्मद फैज (40 वर्ष, नई दिल्ली), ज्ञासुद्दीन (23 वर्ष, नई दिल्ली), कुंदन साहू (24 वर्ष, गाजियाबाद), सोनू पांडे (23 वर्ष, गाजियाबाद), अनुज वर्मा (21 वर्ष, गौतम बुद्ध नगर) को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। वहीं गिरोह के फरार आरोपी सोना उर्फ स्वर्णलता चौधरी (नोएडा), अंकित बंसल ( 24 वर्ष, गाजियाबाद), कृष्णकांत गौतम उर्फ केके (मेनपुरी), अभिषेक सिंहा (नोएडा), आदिल परवेस (दिल्ली), मुस्तकीन (बरेली), विजय कुशवाहा (नोएडा) तथा विपिन (मुंबई) की तलाश पुलिस कर रहीं है।
खुलासे में इनकी रही भूमिका
ठगी के इस अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा करने में सायबर टीम के इंस्पेक्टर गौरव तिवारी, हेड कांस्टेबल चंद्रशेख्र बंजारे, कांस्टेबल जावेद खान, आरती सिंह, निखिलर साहू, विजय शुक्ला, सुरेश तौबे, विक्रांत यदु, दिनेश विश्वकर्मा के साथ दिल्ली व उत्तरप्रदेश में आरोपियों की तलाश में गई टीम एसआई सतीश पुरिया, राजेन्द्र कवंर, एएसआई चंद्रशेखर सोनी, गोरखनाथ जोशी, हेड कांस्टेबल संतोष मिश्रा, राजेश सिंह, सगीर खान, अजय सिंह, कांस्टेबल शहबाज खान, अमित दुबे, रिंकू सोनी, सूरज पांडेय, पन्ने लाल, वीर नारायण, ईशांत प्रदान की विशेष भूमिका रही।