एक्सपोर्ट क्वॉलिटी के काजू उत्पादन में छत्तीसगढ़ ने पछाड़ा अन्य राज्यों को, जगदलपुर को मिला बेस्ट सेंटर का अवॉर्ड

एक्सपोर्ट क्वॉलिटी के काजू उत्पादन में छत्तीसगढ़ ने देश के अन्य राज्यों को पछाड़ा दिया है। जगदलपुर स्थित कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केन्द्र ने काजू के उत्पादक परंपरागत राज्यों में कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश आदि को पीछे करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा इस केंद्र को 2019 के बेस्ट सेंटर अवार्ड से नवाजा गया है। यह सम्मान उद्यानिकी विश्वविद्यालय, बागलकोट (कर्नाटक) में आयोजित अखिल भारतीय समन्वित काजू अनुसंधान परियोजना के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर प्रदान किया गया।

रायपुर (छत्तीसगढ़)। अनुसंधान परिषद के अतिरिक्त महानिदेशक (बागवानी) डॉ. डब्ल्यू.एस. ढिल्लन एवं काजू अनुसंधान परियोजना के निदेशक डॉ. रामजी नायक ने जगदलपुर कृषि महाविद्यालय के अनुसंधान परियोजना के प्रमुख अनवेषक डॉ. विकास रामटेके को यह पुरस्कार प्रदान किया। आपको बता दें कि जगदलपुर कृषि महाविद्यालय में इस परियोजना का प्रारंभ वर्ष 1996 में किया गया था। केन्द्र द्वारा काजू की इंदिरा काजू-1 किस्म विकसित की गई है जो एक्सपोर्ट क्वालिटी की है। इस किस्म की औसत उपज 12 से 14 किलो प्रति पौधा होती है। इस किस्म के नट बड़े औसतन 10 ग्राम के होते हैं और काजू गिरी का वजन लगभग 3 ग्राम होता है। इस किस्म के फल भी बड़े आकार के होते हैं व फल में जूस की मात्रा भी अधिक होती है। इन फलों का प्रयोग प्रसंस्करण में किया जाता है। जगदलपुर केन्द्र द्वारा वर्ष 2014 से 2016 तक ग्राफ्ट तकनीक से तीन लाख से अधिक ग्राफ्ट वेन्गुर्ला-4, इंदिरा काजू-1 एवं वेन्गुर्ला-7 काजू पौधों की किस्म विकसित कर राज्य के उद्यानिकी विभाग को दी गई। वर्तमान में केन्द्र द्वारा पांच लाख पौधे तैयार कर ओडि़शा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखण्ड राज्यों को दिये गये हैं।
9 राज्यों के 14 अनुसंधान केंद्र ने दी थी शिरकत
अखिल भारतीय समन्वित काजू अनुसंधान परियोजना के वार्षिक सम्मेलन में 9 राज्यों के 14 अनुसंधान केन्द्र शामिल हुए। जिसमें कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्य शामिल थे। इस अवसर पर इन केन्द्रों के 39 वैज्ञानिकों ने अपने-अपने अनुसंधान केन्द्रों में काजू अनुसंधान और उसके विस्तार को लेकर किये जा रहे अनुसंधान कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।
इसलिए मिला पुरस्कार
इस केन्द्र को यह अवार्ड परीक्षण के लिए दिये गए लक्ष्य को समय से पहले पूर्ण करने, जिले के लामकेर की पथरीली जमीन पर काजू की सफल खेती करने, इंडियन केशियो एप में सबसे अधिक सहभागिता देने एवं अनुसंधान की रिपोर्ट समय पर काजू अनुसंधान निदेशालय को भेजने जैसी अन्य महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदान किया गया है।

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