एपीएल हितग्राहियों के 30 क्विंटल से ज्यादा चावल की हेराफेरी, महिला समूह अध्यक्ष व विक्रेता के खिलाफ होगी एफआईआर

एपीएल परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ती दर पर चावल उपलब्ध कराने की सरकारी योजना पर अभी से पलीता लगाया जाने लगा है। एपीएल हितग्राहियों में आवंटन के लिए मिले चावल में हेराफेरी किए जाने का मामला खाद्य विभाग द्वारा पकड़ा गया है। दुकान संचालक महिला समूह की अध्यक्ष व विक्रेता ने आपसी मिली भगत कर 30 क्ंिवटल से अधिक चावल का वितरण कागजों पर ही दर्शा कर हडप कर लिया। इस मामले में संबंधितों के खिलाफ एफआईआर किए जाने की कार्रवाई खाद्य विभाग द्वारा की जा रही है। चावल के साथ ही शक्कर व केरोसीन के वितरण में भी हेराफेरी किए जाने की जानकारी सामने आई है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला शहर के कचहरी वार्ड स्थित राशन दुकान से संबंधित है। खाद्य विभाग द्वारा खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए सभी दुकानों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। इसमें महीने के आखिरी दिन 30 नवंबर को बड़ी संख्या में हितग्राहियों को राशन वितरण पाया गया। गंभीरता से जांच में अधिकतर हितग्राहियों को फोटो स्केनिंग के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जाना पाया गया। संदेह होने पर दुकान का मौका मुआयना किया गया। जिसके बाद इस हेराफेरी का खुलासा हुआ। जांच में अधिकारियों ने महीने के आखिरी दिन 30 दिसंबर को फोटो स्केनिंग के माध्यम से 75 एपीएल हितग्राहियों को राशन करना पाया। इनमें से 64 हितग्राहियों को एक घंटे के भीतर राशन देना बताया जा रहा था, लेकिन व्यवहारिक दृष्टिकोण से एक घंटे के भीतर इतने राशन कार्डों की एंट्री व तौलकर राशन देना संभव नहीं है। गड़बड़ी का खुलासा होने पर दुकान का स्टॉक मिलान किए जाने पर 67.61 की जगह गोदाम में 97.66 क्विंटल चावल पाया गया। इस तरह 30.05 क्विंटल चावल ज्यादा पाया गया। इसी तरह 1.47 की जगह 2.50 यानि 1.03 क्विंटल शक्कर ओवर स्टॉक पाया गया। जांच में 247 की जगह 295 लीटर यानि 48 लीटर मिट्टी तेल ज्यादा पाया गया। माना जा रहा है कि यह खाद्यान्न फर्जी वितरण के कारण स्टॉक में बचा हुआ था।