अतत: घर वापसी हुई कांग्रेस से बागी हुए प्रताप मध्यानी की, आठ माह करना पड़ इंतजार

पिछले निगम महापौर चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ बगावत करने वालें और विधायक अरुण वोरा के खिलाफ विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने वाले प्रताप मध्यानी को अंतत: कांग्रेस में प्रवेश मिल गया है। प्रताप मध्यानी अप्रैल माह में कांग्रेस में वापसी की इच्छा जताई थी, लेकिन कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते उनकी वापसी रुक गई थी। 8 माह बाद शहर अध्यक्ष आरएन वर्मा की अनुशंसा पर अध्यक्ष मरकाम ने उन्हें कांग्रेस में प्रवेश दिए जाने की अनुमति दे दी है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रताप मध्यानी की कांग्रेस बगावत की शुरुआत पिछले नगर निगम के वर्ष 2014 हुए महापौर चुनाव से हुई थी। उनकी पत्नी को महापौर पद का पार्टी से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से नाराज प्रताप मध्यानी ने अपनी पत्नी दीपा मध्यानी को बतौर निर्दलयी महापौर प्रत्याशी मैदान में लाया था। जिसके बाद वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने वर्तमान विधायक अरुण वोरा की दावेदारी को चुनौती देते हुए बतौर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) से विधायक पद के लिए दावेदारी की थी। हालांकि इस चुनाव में हुए करारी हार का सामना करना पड़ा था। राज्य में कांग्रेस सरकार बनने का बाद प्रताप का कांग्रेस प्रेम फिर से जाग उठा था और वापसी की मंशा जाहिर करते हुए आवेदन दिया था, उस दौरान कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण प्रवेश की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई थी।
आपको बता दें कि प्रताप मध्यानी लगभग 30 वर्षो तक कांग्रेस के लिए सक्रीय रहें है। इस दौरान उन्होंने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी पार्षद पद पर चुनाव जीते और उन्हें निमग में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व भी सौंपा गया था। इसके अलवा संगठन में भी उन्हें कांग्रेस द्वारा अहम पदों का दायित्व भी सौंपा गया था।

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