दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छह साल की मासूम के साथ हैवानियत करने के आरोपी को अदालत ने दोषी करार दिया है। अपराध की गंभीर प्रवृत्ति अदालत ने आरोपी अधेड़ को जिंदगी की अंतिम सांस तक जेल में रखे जाने का आदेश दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह की अदालत में सुनाया गया। प्रकरण की पीड़िता को न्यायालय ने पुनर्वास के प्रतिकर राशि के रूप में एक लाख रुपए दिए जाने का निर्देश भी दिया है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला नेवई थाना क्षेत्र का है। 6 वर्ष की मासूम आरोपी गोपाल ठाकुर (45 वर्ष) के घर प्रायः खेलने जाया करती थी। 11 मार्च 2020 को मासूम ने अपने प्राइवेट पार्ट में दर्द होने की शिकायत दादी से की। पूछताछ करने खुलासा हुआ कि गणेश ठाकुर ने मासूम के साथ हैवानियत की थी। पीडिता ने बताया कि उसके साथ गोपाल जबरदस्ती करता था और दर्द के कारण बालिका की चीखने की आवाज घर के बाहर न जाएं, इसलिए बर्तनों को पटकर शोर करता था। आरोपी द्वारा इससे पूर्व भी दो तीन बार बालिका के साथ इस तरह की हरकत किए जाने की जानकारी सामने आई। जिसके बाद मामले की शिकायत 13 मार्च 2020 को पुलिस में की गई।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ अनाचार व पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया। प्रकरण को विवेचना पश्चात विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह ने अभियुक्त अधेड गोपाल ठाकुर को मासूम के साथ हैवानियत करने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को दफा 376 एबी के तहत पूरे प्राकृत जीवन के कारावास व 376 (2)(ढ) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5(ठ)/6 के तहत भी पूरे प्राकृत जीवन तक के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है।वहीं कुल 4 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित भी किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

