चिटफंड फर्जीवाड़ा, यश ड्रीम रीयल स्टेट के फरार दो कारोबारी सात साल बाद पकड़ाए, एक अब भी फरार

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। चिटफंड कंपनी के माध्यम से निवेशकों की करोड़ों रुपए की रकम हड़पने के आरोप में फरार दो आरोपियों को पुलिस ने सात साल बाद गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस मामले का एक अन्य आरोपी अब भी फरार है। वहीं कंपनी के सात आरोपियों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

मामला यश ड्रीम रीयल स्टेट कंपनी से संबंधित है। चिटफंड कंपनी के माध्यम से सैकड़ों निवेशकों की करोड़ों की राशि हडपने के की साजिश का खुलासा वर्ष 2015 में हुआ था। कंपनी के माध्यम से लगभग 22 करोड रुपए की धोखाधडी की गई थी। कंपनी के डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव , नितिन श्रीवास्तव , नीता श्रीवास्तव , रिभा श्रीवास्तव, दीपक सिगारे, सिन्धु सिंगारे तथा पूजा टंडन के खिलाफ दफा 420, 409, 120बी, इनामी चीट फण्ड की धारा 3,4,5,6 छ.ग. निक्षेपको के हितो का संरक्षण अधि. की धारा 10 एवं आर बी आई एक्ट की धारा 4,5 के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया था। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। फर्जीवाड़े के इस मामले के मास्टर माइंड अमित श्रीवास्तव की साली अमृता श्रीवास्तव, अनुराग श्रीवास्तव तथा राहुल दुबे फरार चल रहे थे। जिनकी तलाश पुलिस कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि अमृता व अनुराग रायपुर में तेलीबांधा स्थित कुसुम विला के अपने निवास में छुपे हुए है। सूचना के आधार पर सुपेला टीआई सुरेश ध्रुव के नेतृत्व में दबिश देकर दोनों आरोपियों को कब्जे में लिया गया। आरोपी अनुराग श्रीवास्तव 38 (वर्ष), अमृता श्रीवास्तव (30 वर्ष) सगे भाई-बहन है। यह खुलासा एएसपी सिटी संजय ध्रुव ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में किया। उन्होंने बताया कि कंपनी के डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव ने अमृता, अनुराग व राहुल दुबे के नाम से फर्जीवाड़ा कर हासिल की गई रकम से जमीन की खरीदी की गई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी में टीआई सुरेश ध्रुव के साथ एसआई लखेश गंगेश , कांस्टेबल विकास तिवारी का विशेष योगदान रहा।