बेमेतरा (छत्तीसगढ़) अजीत राजपूत। लोन पर दी जाने वाले अनुदान की राशि का चेक दिए जाने के नाम पर कमीशनखोरी किए जाने के आरोप में खादी ग्रामोद्योग के सहायक संचालक केपी पराते को निलंबित कर दिया गया है। कमीशनखोरी संबंधी इस मामले का वीडिय़ों वा.रल होने के बाद ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रबंध संचालक द्वारा इस आशय का आदेश जारी किया गया है। निलंबन अवधि में पराते की पदस्थापना प्रधान कार्यालय रायपुर में रहेगी। वहीं दुर्ग जिला पंचायत के सहायक संचालक प्रदीप देवांगन को बेमेतरा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
इस सम्बंध में प्रबंध संचालक राजेश राणा ने बताया कि कार्य मे लापरवाही बरतने व हितग्राहियों से रिश्वत लेने की शिकायत सही पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित किया गया है। कार्रवाई को लेकर बेमेतरा कलेक्टर कार्यालय की ओर से पत्र मिला था। मामले की जानकारी देते हुए सभापति जिला पंचायत राहुल टिकरिहा ने बताया कि छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड बेमेतरा में बेरोजगारों से अवैध वसूली की लगातार शिकायत मिल रही थी। बेरला ब्लॉक के ग्राम बारगांव निवासी नारद यादव ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत खादी व ग्राम उद्योग बोर्ड में 2 लाख के लोन के लिए आवेदन किया था। योजना के अंतर्गत शासन की ओर से केटेगरी के अनुसार 25.35 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है । यहां आवेदक का लोन प्रकरण स्वीकृत होने के बादए 35 प्रतिशत यानि 70 हजार रुपए का अनुदान चेक लेने खादी ग्रामोद्योग कार्यालय पहुचा। हितग्राही ने ट्रैक्टर रिपेरिंग शॉप खोलने के लिए विभाग से लोन लिया था। चेक देने के नाम पर हितग्राही से 6 हजार 500 रुपये की राशि रिश्वत के रूप में ली गयी थी।
हितग्राही ने बनाया वीडियो
अधिकारी चेक के एवज में अनुदान राशि का 10 प्रतिशत राशि मांग की थी। बाद में 6 हजार 500 रुपए लेने को तैयार हुआ। कमीशन की राशि देते समय हितग्राही ने अपनी मोबाइल से वीडियो बना लिया था। वीडियों क्लिप में दिख रहा है कि अधिकारी ने हितग्राही से कमीशन की राशि लेकर अपनी शर्ट की जेब में रखी थी। हितग्राही ने इसकी शिकायत जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा से की था। सभापति टिकरिहा ने विभाग के कार्यालय पहुंचकर अधिकारी को फटकार लगाते हुए, हितग्राही को 6 हजार 500 रुपए की राशि वापस दिलाई।
सभापति टिकरिहा ने पूर्व में भी किया था अवैध वसूली का भंडाफोड़
जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा ने पूर्व में ट्रांसफार्मर लगाने के नाम पर बिजली विभाग में किसानों के साथ हो रहे अवैध वसूली का भंडाफोड़ कर किसानों को उनके लाखो रुपये वापस कराए थे। बिजली विभाग में अवैध वसूली का कृत्य उजागर होने के बाद अधिकारी और बाबू को निलंबित कर दिया गया था।