3 करोड़ वसूलने के बाद नहीं किया भूमि का नामांतरण, जुर्म दर्ज, मामला बाफना मंगलम की भूमि के विक्रय में धोखाधड़ी का

3 करोड़ रु में जमीन का सौदा कर रकम की वसूली कर लिए जाने के बावजूद जमीन का नामांतरण नहीं किए जाने के मामले में पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। यह मामला न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया है। पुलिस ने जमीन का सौदा कर रकम वसूली करने के आरोप में दफा 420, 406 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला पद्मनाभपुर स्थित बाफना मंगलम की जमीन से संबंधित है। पद्मनाभपुर निवासी आनंद बाफना द्वारा साजा निवासी शांति देवी राठी के साथ यह सौदा 20 सितंबर 2016 को किया था। सौदे के अनुसार बाफना मंगलम की भूमि लगभग 0.649 हेक्टर के साथ पद्मनाभपुर स्थित मकान एसएम-28 का विक्रय 3 करोड़ रु. में किया गया था। जिसके लिए शांति देवा द्वारा 1 कोरड़ 75 रु. की कींमत के 6 किलो सोना के बिस्किट तथा 1 करोड़ 25 लाख रु. की नगदी रकम की अदायगी की गई थी। रकम मिलने के बाद भी आनंद बाफना द्वारा संबंधित भूमि व मकान का नामांतरण शांति देवी के नाम नहीं कराया गया था। इसी दौरान शांति देवी का निधन हो गया। जिस पर शांति देवी के पुत्र महेन्द्र राठी द्वारा दबाव बनाए जाने पर आनंद बाफना सौदे से मुकर गया। इस प्रकरण में यह भी उजागर हुआ कि कुछ भूमियों पर मालिकाना हक आनंद बाफना की माता उषा का था। इसके बावजूद आनंद ने इस भूमि का सौदा स्वंय को मालिक बताकर कर दिया था। भूमि व मकान के नामांतरण से इंकार किए जाने के बात महेन्द्र राठी ने न्यायालय की शरण ली थी।
न्यायालय में प्रस्तुत आवेदन पर प्रथम न्यायायिक दंडाधिकारी डी.के. गिलहरे की अदालत में विचारण किया गया। इस मामले में आनंद बाफना के साथ उसके पिता कस्तूरचंद बाफना को भी अनावेदक बनाया गया था। विचारण पश्चात न्यायालय ने इस मामले में आरोपी आनंद बाफना को आंशिक रुप से धोखाधड़ी करने का जिम्मेदार माना। वहीं आरोपी कस्तूरचंद को इस मामले से पृथक कर दिया। न्यायालय ने आरोपी आनंद बाफना के खिलाफ दफा 420 तथा 406 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई करने का निर्देश पुलिस को दिया था। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।

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