महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने फडणवीस के वीडियो एडिटिंग मामले में दो लोगों से की पूछताछ

महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने बुधवार को वर्ली निवासी वरद तुकाराम कांकी से पूछताछ की, जो निर्माण व्यवसाय में कार्यरत हैं। उन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के एक एडिटेड वीडियो को प्रसारित करने का संदेह है। यह वीडियो करीब एक सप्ताह पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

क्या है मामला?

पुलिस ने कांकी का मोबाइल जब्त कर उसकी जांच की, जिसमें यह एडिटेड वीडियो पाया गया। जांच में पता चला कि यह वीडियो उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मिला था। पुलिस ने वर्ली के ही एक अन्य निवासी पद्माकर अंबोलकर की पहचान की है, जो कथित रूप से ग्रुप में यह वीडियो सबसे पहले पोस्ट करने वाले व्यक्ति हैं। जल्द ही अंबोलकर को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

वीडियो से जुड़ा विवाद

यह वीडियो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नक्सलवाद पर दिए गए एक भाषण का एडिटेड रूप है। यह भाषण उन्होंने पिछले वर्ष उपमुख्यमंत्री रहते हुए दिया था। भाषण में फडणवीस ने कहा था कि नक्सली भारतीय संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते और एक समानांतर राज्य स्थापित करना चाहते हैं। लेकिन एडिटेड वीडियो में भाषण के शुरुआती हिस्से को हटा दिया गया, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि फडणवीस खुद संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते।

कानूनी कार्रवाई

24 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधि की शिकायत के बाद, पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत 12 अज्ञात सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया। इन पर झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने, डर उत्पन्न करने और मानहानि का आरोप है।

पुलिस का बयान

महाराष्ट्र साइबर पुलिस के विशेष महानिरीक्षक यशस्वी यादव ने बताया, “जांच के दौरान कांकी की पहचान की गई और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया। उनके फोन में एडिटेड वीडियो मिला। पद्माकर अंबोलकर, जिन्होंने यह वीडियो सबसे पहले व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया, को भी जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस वीडियो की उत्पत्ति कहां से हुई।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *