पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल जिले मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने रविवार (13 अप्रैल 2025) को 12 और लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा में अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 150 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस के मुताबिक, सूतिपुर, धूलियन, शमशेरगंज और जंगीपुर क्षेत्रों में स्थिति फिलहाल शांत बनी हुई है। इन इलाकों में सुरक्षा बल चौकसी बनाए हुए हैं और रातभर छापेमारी की गई।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि, “हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है और इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।”
सुरक्षा बल मुख्य सड़कों पर वाहनों की जांच कर रहे हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार गश्त कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि, “हिंसा की घटनाओं की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।”
गौरतलब है कि शुक्रवार को मुर्शिदाबाद समेत राज्य के कई हिस्सों में नए वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, सुरक्षा बलों पर पत्थरबाज़ी हुई और सड़कें जाम कर दी गईं।
शनिवार को शमशेरगंज के जाफराबाद इलाके में एक व्यक्ति और उसके बेटे की लहूलुहान हालत में लाश उनके घर से बरामद हुई। मृतकों की पहचान हरगोबिंद दास और चंदन दास के रूप में हुई है। इसके अलावा, साजूर मोड़ (सूति) में गोली लगने से घायल हुआ 21 वर्षीय एजाज़ मोमिन की भी शनिवार को मौत हो गई।
इस हिंसा में कम से कम 18 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
शनिवार रात डीजीपी राजीव कुमार ने शमशेरगंज पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
