केबिनेट मंत्रीमंडल की बैठक, बढ़ी व्यापारियों की स्टाक सीमा, किसानों को जल्द मिलेगी धान की बकाया कीमत

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में संपन्न केबिनेट की बैठक में कृषि हित में अनेक निर्णय लिए गए। बैठक में जहां व्यापारियों के लिए निर्धारित खाद्यान्न स्टाक सीमा में वृद्धि की गई है। वहीं किसानों से खरीदी गई धान की बकाया रकम के भुगतान की व्यवस्था करने संबंधी प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया।
बैठक में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन), अध्यादेश 2019 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। पूर्व में स्टॉक सीमा 10 क्विंटल और क्रय सीमा 4 क्विंटल थी जिसे आज केबिनेट में बढ़ाया गया। जिसके तहत छोटा व्यापारी अब एक दिन में सभी अधिसूचित कृषि उपज का अधिकतम 20 क्विंटल स्टाक तथा एक दिन में अधिकतम 5 क्विंटल धान्य से या तिलहनों, दालों तथा तन्तु फसलों को मिलाकर कुल 5 क्विंटल तक क्रय कर सकेगा। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की मंडियों में तुलैया एवं हम्मालों की प्रचलित पारिश्रमिक दरों में समरूपता लाने की दृष्टि से न्यूनतम पारिश्रमिक दर अधिसूचित करने, मण्डी समितियों में किसानों के हितों के संरक्षण और उनको उचित प्रतिनिधित्व देने भारसाधक समिति के गठन का निर्णय लिया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में अनुमानित 85 लाख मेट्रिक टन धान उपार्जन हेतु समर्थन मूल्य पर भुगतान के लिए लगभग 15,000 करोड़ रूपए की आवश्यता होगी। जिसकी व्यवस्था बैंकों, वित्तीय संस्थाओं से साख सीमा प्राप्त कर की जा रही है। भारत सरकार एवं राज्य शासन से खाद्य सब्सिडी की प्रतिपूर्ति एवं खाद्य सब्सिडी का भुगतान किए जाने पर बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त साख सीमाओं का पुनर्भुगतान किया जाएगा। उपरोक्त साख सीमाओं प्रस्तावों पर शासकीय गारंटी पर लगने वाले प्रत्याभूति शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया गया।

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