सुरक्षाबलों ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ एक मज़बूत लड़ाई लड़ी, जिससे नक्सली हिंसा में 76% की आई कमी : अमित शाह

जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के सुरक्षाबलों ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ पिछले नौ सालों में एक मज़बूत लड़ाई लड़ी है। इसमें सफलता भी मिली हैं। उन्होंने कहाकि, साल 2010 के उच्चतम स्तर के मुकाबले नक्सली हिंसा में 76% की कमी आई है। वहीं जान गंवाने वालों में करीब 78% की कमी आई है। उन्होंने कहा कि दशकों तक वामपंथी उग्रवाद के गढ़ रहे बिहार और झारखंड के बूढ़ा पहाड़, चक्रबंधा और पारसनाथ के क्षेत्रों को उग्रवाद से मुक्त किया गया है। केंदीय गृहमंत्री शनिवार को सीआरपीएफ के स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे थे। 

कार्यक्रम में शाह ने कहा कि, सीआरपीएफ ने अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर ज्वाइंट टास्क फोर्स बनाई। इससे वामपंथी उग्रवादियों को अंतरराज्यीय सीमाओं का लाभ उठाने से रोका जा सके। कहा कि, जो वामपंथी उग्रवादी जनजातीय क्षत्रों के विकास में रोड़ा बने हुए थे, उन्हें हटाने का काम भी सीआरपीएफ ने किया है। समस्या वाले सभी क्षेत्रों में सीआरपीएफ ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर उनकी हौसला अफजाई करते हुए एक अभेद्य शक्ति का निर्माण किया और सामंजस्य के साथ अपने संगठन कौशल का भी परिचय दिया।

शाह ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में बहुत तेजी से कमी आई है। अब इन इलाकों में आखिरी व्यक्ति तक विकास पहुंच रहा है। बिहार और झारखंड में सुरक्षा का वैक्यूम समाप्ति की ओर है। यह सीआरपीएफ के वीर जवानों और पुलिस बलों के संयुक्त पराक्रम के कारण ही हो पाया है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवादियों के फंडिंग स्रोत को रोकने के लिए एनआईए और ईडी की ओर से भी अनेक प्रकार के केस दर्ज कर हम कठोर कार्यवाही कर रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में भी पहुंच रहे हैं।

गृहमंत्री ने कहा कि, नक्सल प्रभावित इलाकों में  विकास के लिए स्वीकृत 70,000 किलोमीटर में से 11,000 किलोमीटर सड़क बन चुकी है। 2343 मोबाइल टावर लग चुके हैं, एकलव्य स्कूल को प्रायोरिटी एरिया में खोलने का काम चल रहा है। बैंकों की 1258 ब्रांच केवल पांच साल में खोली गई है, 1348 एटीएम खोले गए हैं। स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत 47 आईटीआई और 68 स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने का काम भी पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में मोदी सरकार, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के संयुक्त प्रयासों से विकास की गति बढ़ रही है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ बस्तरिया बटालियन में 400 स्थानीय युवाओं की भर्ती की गई है। वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्र में सड़कों का निर्माण हुआ है। यहां 398 पुल और पुलिया बनाने में सीआरपीएफ ने बड़ा योगदान दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सीआरपीएफ के आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया गया है। 2022-23 में ही 14 परियोजनाओं को पूरा किया गया। जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर और बटालियन में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए 4309 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। करीब 11 हज़ार मकान बन चुके हैं और 28,500 सीएपीएफ के लिए बनाने का काम जारी है।