दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों से जारी तुष्टीकरण के खिलाफ सुलग रहे आक्रोश की परिणति कवर्धा की घटना है। उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षों से अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण किया जा रहा है और बहुसंख्यक वर्ग को दबाने का प्रयास कर उन्हें आंतकित किए जाने की नीति अपनाई जा रही है। जिससे बहुसंख्यक वर्ग उद्वेलित है। उन्होंने कवर्धा की घटना के लिए क्षेत्रीय विधायक व परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर को जिम्मेदार ठहराया।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन आज दोपहर कवर्धा में उत्पात के आरोप में दुर्ग सेंट्रल जेल में निरुद्ध कार्यकर्ताओं से मिलने आए थे। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में बहुसंख्यक वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है। कवर्धा की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां भगवा को पैरों तले रौंदा गया। जिसका विरोध करने पर एक संप्रदाय विशेष के लोगों द्वारा पीटा गया। पीड़ित की शिकायत पुलिस ने न तो दर्ज की और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की। जिसका विरोध करने लोग कवर्धा पहुंचे थे। उन्होंने शांति पूर्ण तरीके से नारेबाजी कर अपना विरोध जताया। हजारों की संख्या में होने के बावजूद किसी की हत्या नहीं हुई। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर नवरात्रि पर्व के दौरान जेल में डाल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता है, जो किसी से डरते नहीं और दमन के आगे झुकते नहीं।
कवर्धा को शांति का टापू बतातें हुए उन्होंने कहा कि कि जहां कभी धारा 144 नहीं लगी वहां पिछले 8 दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है। यह सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को न तो समझ है और न ही पीडितों को राहत देने उन्होंने क्षेत्र में जाकर लोगों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के हालात कवर्धा में बने वैसे पूरे छत्तीसगढ़ में न बने इसके संघर्ष जारी रहेगा। वही कवर्धा के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।

