दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। क्वांर नवरात्र पर्व पूरे देश मे धूम धाम से मनाया जा रहि है। माता की प्रतिमा स्थापित कर भक्तगण नौ दिनों तक माता की आराधना में लीन रहते हैं। दुर्ग में भी जगह जगह पंडालों में माताजी की प्रतिमाएं विराजित की गई है। विभिन्न स्थानों पर माता के पंडाल के साथ झांकियां भी बनाई गई है। जिसके माध्यम से नागरिकों को संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह की शीतला नगर में बनाई गई झांकी शहरवासियों के लिए आकर्षक का केंद्र बनी हुई है।
झांकी में हमारी लगभग दो दशक पुरानी जीवन शैली का चलित चित्रण किया गया है। पहले के लोगों की दिनचर्या और रहन सहन को इस झांकी में दर्शाया गया है। यहां माताजी के निवास के लिए मिट्टी से बनी कुटिया बनाई गई है। जिसमें खपरैल और पुराने दिनों में बनने वाला मिट्टी बनाया गया है। जिसे समिति द्वारा माता की कुटिया नाम दिया गया है। वही माताजी सूपा लेकर लाई फुनती नजर आ रही है। पास ही लकड़ी जला कर खाना बनाते हुए प्रदर्शित किया गया है। भोलेनाथ की प्रतिमा ऊपर लगाई गई है जो माताजी को खाना बनाते व लाई फुनते देख आनंदित हो रहे हैं।
समिति के सौरभ चन्द्राकर ने बताया कि पहले के जीवन व्यापन और अब के जीवन जी ने में बहुत अंतर आ गया है। तरह तरह के मशीनों के कारण शारीरिक श्रम कम हो गया है। बच्चों में खेलकूद की प्रवृत्ति कम हो गई है। बच्चों के लिए मोबाइल पर गेम खेलना दिनचर्या बन गया है। बच्चों द्वारा खेलकूद के माध्यम से शारीरिक श्रम नहीं किए जाने उनका सहीं तरीके से शारीरिक व बौद्धिक विकास नहीं हो पाता है। वहीं लोगों की आराम पसंद जिंदगी से प्रदूषण बढ़ रहा है जिससे बहुत सी बीमारियां हमें घेर रही है।

