रायपुर/कोलकाता, 13 अप्रैल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में पारित वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके शासन में “विभाजन और शासन” की कोई जगह नहीं होगी। ममता ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे इस बिल को लेकर दुखी न हों और किसी राजनीतिक उकसावे से विचलित न हों। मुरशिदाबाद में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बढ़ते हिंसक रूप पर चिंता जताते हुए ममता ने कहा, “मुझे पता है कि वक्फ अधिनियम से मुस्लिम समुदाय को दुख पहुंचा है, लेकिन विश्वास रखें कि बंगाल में कोई विभाजन नहीं होगा।”
ममता ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि कुछ लोग यह झूठ फैला रहे हैं कि उनका उद्देश्य विभाजन करना है, लेकिन उनका असली उद्देश्य हमेशा विभिन्न समुदायों के बीच एकता बनाए रखना रहा है। उन्होंने बंगाल के विविध समुदायों को एकजुट करने में अपनी सरकार की भूमिका को रेखांकित किया और कहा, “मैं गर्व से कह सकती हूं कि यह बंगाल है, जहां हर त्योहार समान रूप से मनाया जाता है।”

इसके जवाब में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय संसद द्वारा पारित सभी कानून पूरे देश में लागू होते हैं और “हर राज्य को इसका पालन करना होता है”। उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय को महत्वपूर्ण बताते हुए यह भी कहा कि यह निर्णय देश की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने अपनी बातों में भारतीय लोकतंत्र की विविधता और उसकी रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री साय ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर जय भीम पदयात्रा में भी भाग लिया, जिसमें केंद्रीय मंत्री मानसूख मंडाविया भी उपस्थित थे।
