रायपुर (छत्तीसगढ़). सोशल मीडिया पर नमक के शॉर्टेज के अफवाह और मुनाफाखोरी की शिकायतों के बाद प्रदेश के 6 जिले के 276 संस्थानों में दबिश देकर जांच की गई। इनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ और अम्बिकापुर के संस्थान शामिल हैं। दुर्ग के दो संस्थानों में नमक के पैकेट में उल्लेखित मूल्य के अधिक कीमत पर नमक बेचने वाले दो संस्थानों के विरूद्ध प्रकरण भी दर्ज किया गया।
अफवाह के बाद स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 56 लाख 56 हजार राशनकार्डधारी परिवारों को शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से नि:शुल्क नमक प्रदान किया जा रहा है। लॉकडाउन की परिस्थितियों में प्रदेश में खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता और आपूर्ति के साथ-साथ इनके बाजार मूल्यों की भी प्राईस मॉनिटरिंग सेल के माध्यम से सतत् निगरानी की जा रही है। खाद्य विभाग ने लोगों से यह स्पष्ट किया है कि प्रदेश में नमक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इस संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नही दें।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य में नमक और अन्य सभी आवश्यक खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में एवं समुचित दरों पर खुले बाजार में आम उपभोक्ताओं के लिए सहज रूप से उपलब्ध है। राज्य के खुले बाजार में प्रतिमाह लगभग 8 से 10 हजार टन के नमक की आवक होती है। लॉकडाउन के दौरान भी खुले बाजार में नमक की आवक निरंतर हो रही है वहीं इसकी कालाबाजारी करने वालों पर कड़ाई से कार्रवाई भी की जा रही है।