राशन वितरण में गड़बड़ी पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा- जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रही राहत

नई दिल्ली, 19 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्यों द्वारा राशन वितरण प्रणाली में अनियमितताओं को लेकर गंभीर चिंता जताई। अदालत ने कहा कि कई राज्य सब्सिडी वाले आवश्यक सामान देने का दावा करते हैं, लेकिन ये राशन सही लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाते

राशन कार्ड सिर्फ “लोकप्रियता कार्ड” बनकर रह गया: सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्यों द्वारा राशन कार्ड सिर्फ एक दिखावा बन गया है

  • “राज्य कहते हैं कि हमने इतने राशन कार्ड जारी किए हैं, लेकिन क्या यह वास्तव में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों तक पहुंच रहा है?”
  • “राशन कार्ड अब लोकप्रियता कार्ड बन गया है। कुछ राज्य अपनी विकास दर बढ़ाने का दावा करते हैं और फिर कहते हैं कि 75% लोग बीपीएल हैं। यह विरोधाभास कैसे सुलझाया जाए?”

मजदूरों को नहीं मिल रहा राशन, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

यह मामला COVID-19 महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों को हुई कठिनाइयों के मद्देनजर स्वतः संज्ञान (suo motu) के रूप में दर्ज किया गया था।

  • वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील दी कि 30 करोड़ प्रवासी मजदूर ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं, लेकिन उनमें से 8 करोड़ मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है
  • उन्होंने बताया कि कई गरीब लोग इसलिए राशन के लिए आवेदन नहीं करते, क्योंकि उन्हें पहले से ही उम्मीद नहीं होती कि उन्हें कुछ मिलेगा

सरकार का पक्ष और सुप्रीम कोर्ट की उम्मीदें

  • अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 81.35 करोड़ लोग कवर किए गए हैं, और 11 करोड़ लोग अन्य योजनाओं के तहत आते हैं
  • सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि राशन कार्ड वितरण में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप न हो और वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ मिले
  • न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा, “मैं अपनी जड़ों को नहीं भूला हूं। गरीबों की दुर्दशा को समझता हूं। आज भी कई परिवार गरीबी से जूझ रहे हैं।”

क्या है सरकार की जिम्मेदारी?

  • सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राशन वितरण में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे
  • जरूरतमंद मजदूरों और गरीबों को बिना भेदभाव के खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *