नागपुर, 20 मार्च: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के आठ कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कोतवाली पुलिस स्टेशन, महल, नागपुर में आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।
क्या है मामला?
सोमवार को मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में कई विहिप और बजरंग दल पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

किन लोगों ने किया आत्मसमर्पण?
एफआईआर के मुताबिक, जिन कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- डॉ. रामचंद्र दुबे महाराज
- अमोल ठाकरे
- गोविंद शेंडे
- कमल हरयानी
- लखन कुरिल
- सुशील चौरसिया
- रुशभ अर्केल
- शुभम अर्केल
- मुकेश बरापात्रे (नागपुर मध्य अध्यक्ष)
हालांकि, गोविंद शेंडे, जो महाराष्ट्र और गोवा के प्रभारी हैं, शहर से बाहर होने के कारण अब तक आत्मसमर्पण नहीं कर पाए। उनके वकील ने आश्वासन दिया कि वह लौटने पर सरेंडर करेंगे।
कोर्ट में पेशी और जमानत
- सभी आठों कार्यकर्ताओं को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (JMFC) कोर्ट में पेश किया गया।
- पुलिस ने उनकी हिरासत की मांग नहीं की, बल्कि न्यायिक अभिरक्षा की अपील की।
- वकील संजय बालपांडे ने कार्यकर्ताओं की जमानत याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
- कोर्ट ने सभी को ₹3,000 के नकद मुचलके पर जमानत दे दी।
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस घटना के बाद नागपुर में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। विहिप और बजरंग दल के नेताओं ने इसे हिंदू संगठनों को निशाना बनाने की साजिश बताया। वहीं, पुलिस प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
