नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि एक सितंबर, 2014 की तारीख में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के सदस्य रहे कर्मचारियों को अपना अंशदान बढ़ाकर वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत करने का अवसर मिलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने अंशदाताओं को अधिक पेंशन का विकल्प चुनने के लिए तीन मई तक का समय दिया है। ईपीएफओ ने यह कदम उच्चतम न्यायालय के चार नवंबर, 2022 के फैसले को ध्यान में रखते हुए उठाया है। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि एक सितंबर, 2014 की तारीख में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के सदस्य रहे कर्मचारियों को अपना अंशदान बढ़ाकर वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत करने का अवसर मिलेगा। उच्चतम न्यायालय ने अधिक पेंशन का विकल्प चुनने के लिए कर्मचारियों को चार महीने का वक्त भी दिया था। वह समयसीमा तीन मार्च, 2023 को खत्म होने वाली थी, लेकिन ईपीएफओ ने पिछले हफ्ते ही ईपीएस के बारे में विकल्प चुनने की प्रक्रिया शुरू की थी, लिहाजा इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई है।