नई दिल्ली, 27 फरवरी 2025: भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह स्थिर नजर आ रहे हैं, जहां निफ्टी और सेंसेक्स सीमित दायरे में कारोबार कर रहे हैं। फरवरी की शुरुआत में भारी गिरावट के बाद अब बाजार कुछ राहत महसूस कर रहा है। हालांकि, विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों की अलग-अलग राय है। नोमुरा ने दिसंबर 2025 तक निफ्टी का लक्ष्य 26,000 रखा है, जबकि कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि इस साल बाजार रेंजबाउंड रहेगा और निकट भविष्य में कोई बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।
महंगे वैल्यूएशन और FIIs की चिंताएं
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के प्रतीक गुप्ता के अनुसार, निफ्टी अभी भी महंगा है और मार्च 2026 के अनुमानित P/E अनुपात पर 19x पर ट्रेड कर रहा है, जो ऐतिहासिक औसत से काफी अधिक है। इसके अलावा, यह MSCI EM इंडेक्स की तुलना में 90% अधिक प्रीमियम पर है।
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विदेशी निवेशकों (FIIs) की चिंताओं में मजबूत डॉलर और पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि, कोटक का मानना है कि भारत की दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाएं मजबूत हैं, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रहेगी।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर कोटक की सतर्कता
कोटक ने इस महीने की शुरुआत में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी थी। फरवरी में भारी गिरावट के बावजूद, कोटक का मानना है कि इन शेयरों के वैल्यूएशन अभी भी अधिक हैं।
आज के बाजार सत्र में भी, BSE स्मॉलकैप इंडेक्स 2% से अधिक और BSE मिडकैप इंडेक्स 1% से अधिक गिरा। स्थानीय निवेशकों को इन शेयरों में आगे और गिरावट की आशंका है, जिससे इक्विटी इनफ्लो का रुख बड़े शेयरों और बैलेंस्ड फंड्स की ओर बदल रहा है।
FIIs की भारत में घटती प्राथमिकता
हालांकि कई विदेशी निवेशक भारत के प्रति उतने नकारात्मक नहीं हैं, लेकिन वे अभी भी महंगे वैल्यूएशन और धीमी आर्थिक वृद्धि के कारण सतर्क बने हुए हैं।
प्रतीक गुप्ता के अनुसार, “भारत अब उनकी पहली प्राथमिकता नहीं है” क्योंकि अन्य उभरते बाजारों (EMs) में सस्ते वैल्यूएशन उपलब्ध हैं। इसके अलावा, भारत में पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) का प्रभाव अब निवेशकों को महसूस होने लगा है, जिससे इक्विटी निवेश से प्राप्त रिटर्न पर असर पड़ रहा है।
कमजोर कमाई को लेकर चिंता
कोटक का कहना है कि घरेलू निवेशकों को कंपनियों के आगे होने वाले कमाई में गिरावट (Earnings Downgrade) की चिंता है। हाल ही में कोटक द्वारा आयोजित सम्मेलन में कई कंपनियों की कमजोर भविष्यवाणी के कारण निवेशकों की रुचि उन कंपनियों में बढ़ रही है, जहां मांग की स्पष्टता बनी हुई है, भले ही उनके वैल्यूएशन अधिक हों।
कौन-से सेक्टर रहेंगे फोकस में?
कोटक के अनुसार, निवेशकों को निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए:
✅ बड़े प्राइवेट बैंक और NBFCs
✅ जीवन बीमा कंपनियां
✅ आवासीय रियल एस्टेट
✅ होटल और एयरलाइंस / हॉस्पिटैलिटी सेक्टर
वहीं, कोटक ने कंज्यूमर स्टेपल्स, डिस्क्रीशनरी स्टॉक्स, तेल और गैस तथा केमिकल सेक्टर को लेकर सतर्क रुख अपनाने की सलाह दी है।
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