नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के बाजार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने आयात शुल्क (Import Duty) में बड़ी कटौती की है। टाटा (Tata) और महिंद्रा (Mahindra) जैसे भारतीय ब्रांड पहले ही EV सेगमेंट में अपनी मजबूत पकड़ बना चुके हैं, और अब अमेरिकी दिग्गज टेस्ला (Tesla) की एंट्री का रास्ता भी साफ हो गया है।
आयात शुल्क 110% से घटाकर 15%
भारत सरकार ने EV आयात शुल्क को 110% से घटाकर मात्र 15% कर दिया है। इससे टेस्ला और अन्य वैश्विक कंपनियों को भारतीय बाजार में निवेश करने का बड़ा मौका मिलेगा।

नई नीति के तहत:
- कंपनियों को ₹4,150 करोड़ ($500 मिलियन) का निवेश करना होगा।
- पहले दो वर्षों में कम से कम ₹2,500 करोड़ का टर्नओवर होना चाहिए।
- कंपनियों को 8000 EVs (कीमत $35,000 से अधिक) का आयात करने की अनुमति मिलेगी।
- तीन वर्षों में विनिर्माण यूनिट स्थापित करनी होगी, जिसमें 25% लोकल वैल्यू एडिशन अनिवार्य होगा।
- पांच वर्षों में लोकल वैल्यू एडिशन को 50% तक बढ़ाना होगा।
- कंपनियों को 120 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा, और नीति को जुलाई-अगस्त तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
टेस्ला की भारत में एंट्री और ₹21 लाख की इलेक्ट्रिक कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान एलन मस्क (Elon Musk) से हुई मुलाकात के बाद टेस्ला के भारत में प्रवेश की चर्चा तेज हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला जल्द ही भारत में ₹21 लाख की इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर सकती है, जो टाटा, महिंद्रा और MG जैसे ब्रांड्स को टक्कर देगी।
टेस्ला ने भारत में नौकरियां देना शुरू कर दिया है और जल्द ही मुंबई व दिल्ली में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर सकती है। बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई को प्राथमिक बाजार के रूप में चुना गया है, जहां EV की सबसे ज्यादा मांग है।
टेस्ला के आने से भारतीय EV बाजार को मिलेगा बढ़ावा
टेस्ला की एंट्री से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का विस्तार और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। सरकार के इस कदम से अन्य वैश्विक कंपनियों को भी भारत में निवेश करने का मौका मिलेगा, जिससे स्वदेशी उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
