रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित दही हांडी मैदान, गुढ़ियारी में आयोजित शिव महापुराण कथा में शामिल हुए। उन्होंने व्यासपीठ को प्रणाम करते हुए कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा को नमन किया और प्रदेश की सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि आप सभी पिछले एक सप्ताह से बहुत अच्छा शिवकथा महापुराण सुन रहे हैं। यहाँ लाखों लोग रोज आ रहे हैं, मैं आप सब को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि आप सभी देवाधिदेव महादेव के बारे में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से कथा श्रवण कर रहे हैं। महादेव सबसे बड़े अवघड़ दानी, ज्ञानी और ध्यानी हैं । महादेव ने ही दुनिया में सबसे पहले विवाह नाम की संस्था को स्थापित किया, सबसे पहले संगीत की रचना की और सबसे पहले नृत्य की रचना की, जिनके तांडव नृत्य से हम सभी बखूबी परिचित हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान शिव सभी दिशाओं में स्थित हैं भगवान राम ने जहां उत्तर से दक्षिण की ओर यात्रा की, भगवान कृष्ण ने उत्तर से पश्चिम की ओर यात्रा की है परंतु एकमात्र शिव देश के हर प्रत्येक कोने में विराजमान हैं। गांव गांव में शिव विराजमान है कोई उन्हें शिव कहते हैं, कोई शंकर, कोई महादेव, कोई बूढ़ादेव तो कोई बड़ा देव लेकिन प्रत्येक रूप में शिव की ही पूजा करते हैं। बिना शिव के ना तो राम की कथा हो सकती है और ना ही कृष्ण की। शिव के बिना किसी का गुजारा संभव नहीं है, इसीलिए आज कथा सुनने लाखों की तादाद में आप सभी यहां उपस्थित हैं।
बघेल ने कहा कि भगवान शिव के हाथों में जहां डमरु है, त्रिशूल है, वहीं गले में सर्प की माला और नंदी का भी विशेष स्थान है । मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह दुखद है कि नंदी को आज आवारा पशु के रूप में छोड़ दिया जाता है, गाय दूध देती है इसलिए उसका पालन किया जाता है । हमारी छत्तीसगढ़ सरकार ने गाय और बैल दोनों के जतन का जिम्मा उठाया है । वर्तमान समय में जहाँ पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों में पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होने की समस्या रहती है, वहीं छत्तीसगढ़ में हमने लोगों से पैरा दान करने की अपील की है ताकि पर्यावरण प्रदूषित भी न हो और आवारा मवेशियों को गौठानों की सहायता से चारा की उपलब्धता बनी रहे।
वनगमन परिपथ के अंतर्गत प्रदेश में भगवान श्रीराम से सम्बंधित स्थलों का विकास कर रही है। जिसके तहत प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ में स्थित एकमात्र कौशल्या माता का मंदिर जीर्णोद्धार किया गया, अब प्रत्येक शनिवार और रविवार को वहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालु आने लगे हैं। इसी क्रम में गत वर्ष शिवरीनारायण मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, वहां महानदी के किनारे 51 फीट ऊंची श्रीराम की प्रतिमा स्थापित की गई है और इस वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार ने योजना में राजिम का चयन किया है, जिसके अंतर्गत वहां आने वाले साधु जनों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों, अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों के ठहरने के लिए स्थाई टेंट का निर्माण और वर्ष भर चलने वाले विभिन्न आयोजनों के लिए 55 एकड़ जमीन चिन्हांकित कर विकसित की जा रही है।
इस अवसर पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन भी उपस्थित थे।