नाबालिग किशोरी को शादी का झांसा देकर किया अगवा, बनाए शारीरिक संबंध, उम्रकैद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को शादी का झांसा देकर साथ भगा ले जाने और उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी के खिलाफ अदालत द्वारा आज फैसला सुनाया गया है। आरोपी पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है। वहीं पीड़ित नाबालिग को प्रतिकर के रुप में 5 लाख रूपए प्रदान किए जाने का निर्देश अदालत ने दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

मामला जामुल थाना क्षेत्र का है। ग्राम सारधाभाठा, सरसीवा (बलौदाबाजार) निवासी आरोपी प्रमोद कुमार जांगडे उर्फ सोनू (27 वर्ष) का प्रेम प्रसंग जामुल क्षेत्र के एक गांव की निवासी किशोरी से चल रहा था। दोनों में प्रायः फोन पर बात भी होती थी। इसी दौरान सोनू ने किशोरी के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा और बहला फुसला कर 13 फरवरी 2019 को अपने साथ ले गया। नाबालिग बेटी के गायब होने की शिकायत किशोरी के पिता ने पुलिस में दर्ज कराई थी। घर से निकलने के बाद किशोरी ट्रेन में बैठकर डोंगरगढ़ गई, जहां आरोपी ने मांग में सिंदूर भर किशोरी को अपनी पत्नी बना लिया। जिसके बाद दोनों चैन्नई चले गए। जहां आरोपी का करता था। यहां किशोरी के साथ शारीरिक संबंध भी बनाए गए। इसी दौरान किशोरी की दादी का पैर फेक्चर होने की जानकारी मिलने पर किशोरी आरोपी के साथ 17 मार्च 2019 को अपने गांव आई थी। जहां पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जें से किशोरी को बरामद किया था।
इस मामले मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी के खिलाफ दफा 363, 366 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत प्रकरण विवेचना पश्चात विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में किया गया। प्रकरण पर विचारण के दौरान किशोरी के नाबालिग होने की पुष्टि के साथ प्रलोभन देकर नाबालिग को भगा ले जाने तथा नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने का दोषी आरोपी को करार दिया गया। मामले में अभियुक्त प्रमोद कुमार जांगडे उर्फ सोनू (27 वर्ष) को दफा 363 के तहत 3 वर्ष कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड, दफा 366 के तहत 10 वर्ष कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास व 3 हजार रुपए अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया है। मामले का आरोपी प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद से फैसला आने तक जेल में ही निरुद्ध है।