दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अंतर्राष्ट्रीय मानव-अधिकार संघ के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश वर्मा ने बयान जारी कर निजी गैस एजेंसी में काम करने वाले कर्मचारी व मजदूरों को कोरोना वारियर न मानने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना के इस देशव्यापी संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर पूरे लाॅकडाउन में घर घर जाकर रसोई गैस सिलेंडर वितरण करते आ रहे हैं। ऐसे में गैस एजेंसी में कार्यरत कर्मचारियों को फ्रंटलाईन वर्कर का दर्जा ना दिया जाना समझ के परे है। वर्मा ने कहा घरेलू उपयोग में रसोई गैस अति जरूरी आवश्यकता भोजन पकाने के लिए होती हैं इसे घर पहुँच सेवा देने वाले अनिमित गरीब मजदूर व कर्मचारियों के परिवारों को सुरक्षा देना शासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस कोरोना महामारी में अनेक संक्रमित घरों में आइसोलेशन में है। संक्रमित परिवारों के घरों में जाकर कोरोना से पीड़ित लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर घरेलू गैस उपलब्ध करवा रहे हैं। इन्हे संक्रमित होने का डर अधिक है केंद्र सरकार द्वारा इनके परिवार के सुरक्षा हेतु टीकाकरण में प्राथमिक एवं कोरोना सुरक्षा बीमा के रूप में इनका 10 लाख रुपये का बीमा कराया जाये। इस संबंध में राज्यपाल से मुलाकात कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के नाम मुकेश वर्मा द्वारा मांग पत्र सौंपा जाएगा।
