दुर्ग (छत्तीसगढ़)। स्कूल के रास्ते में छात्रा से छेडख़ानी करने और प्यार का इजहार करना एक युवक को भारी पड़ा है। युवक को अदालत ने कारावास व अर्थदंड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में आज बुधवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
मामला नेवई थाना क्षेत्र का है। पीडि़त छात्रा को आरोपी युवक दुलार सिंह धनकर (19 वर्ष) स्कूल के रास्ते में रोक कर छेडख़ानी करता था। छेडख़ानी का यह सिलसिला 10 जनवरी 2018 को प्रारंभ हुआ था। छात्रा सवेरे लगभग 11 स्कूल जा रही थी, तभी रास्ते में दुलार ने उसे रोका और बातचीत करने और मिलने की पेशकश की। जिससे इंकार करने पर आरोपी प्रतिदिन छात्रा को स्कूल के रास्ते में पीछा कर परेशान करने लगा था। लगभग चार माह तक यह सिलसिला चलता रहा। आखिरकार इसकी जानकारी छात्रा ने अपनी मां को 20 अप्रैल 2018 को दी। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 354, 354 (घ) तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत अपराध पंजीबद्ध प्रकरण वितचारण के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। आरोपी को 30 जून 2018 को गिरफ्तार कर जल भेज दिया गया था। जहां से वह 10 अक्टूबर 2018 को रिहा हुआ था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी दुलार सिंह धनकर को छात्रा का बार बार पीछा कर लैंगिक उत्पीडऩ कारित किए जाने का दोषी पाया। वहीं अदालत ने कहा है कि स्त्रियों के प्रति लैगिंक अपराध पीडि़ता के प्रति ना होकर समाज को प्रभावित करने वाला अपराध होता है। वर्तमान में इस प्रकार के अपराधों में तीव्रता से वृद्धि हुई है, यह चिंताजनक है। अदालत ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 12 के तहत दोषी करार देते हुए न्यायायिक अभिरक्षा में बितायी गई अवधि 42 दिन के कारावास तथा 3000 रु. के अर्थंदड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। अर्थदंड़ की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भोगना होंगा।