नई दिल्ली। बटला हाउस एनकाउंटर मामले में साकेत कोर्ट ने आरोपी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे विरल से विरलतम केस (रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस) माना। इससे पहले 2013 में शहजाद अहमद को उम्रकैद की सज़ा हो चुकी है। दोनों बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे। इनके 2 साथी आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि एक आरोपी को मौके से पकड़ा गया था। बता दें कि इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हो गए थे। जबकि 2 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। कोर्ट ने 8 मार्च को बहुचर्चित बटला हाउस एनकाउंटर केस में आरोपी आरिज खान को दोषी ठहराया था और 15 मार्च को सजा फैसला सुनाने का ऐलान किया था।
आरिज़ खान वर्ष 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साजि़शकर्ता था। इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे। उस समय आरिज पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था। यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले आरिज खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था। मामले में कोर्ट ने 11 लाख का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। इसमें से 10 लाख रुपये मोहनचंद शर्मा के परिवार को देना होगा।
सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया था कि दोषी ने खतरनाक हथियार रखे हुए थे और इन्ही हथियारों से उसने, ड्यूटी निभाते हुए पुलिस वालों पर गोली चलाई थी। जिसकी वजह से इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा की मौत हो गई थी। सरकारी वकील ने आरिज को फांसी की सजा देने की मांग की। सरकारी वकील कोर्ट में कहा कि मर्डर और पुलिस वाले का मर्डर में फर्क होता है। ये बात सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में मानी है। उन्होंने कहा कि दोषी सिर्फ दिल्ली में ही नही बल्कि जयपुर, अहमदाबाद और यूपी में धमाके करने में शामिल रहा है। जिसमें काफी बेगुनाहों की जान गई थी।