पडौसी पर चलाई ब्लेड, अदालत ने आरोपी को सुनाई 3 साल की कैद

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पुराने विवाद को लेकर पडौसी पर ब्लेड व ईट से हमला करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा 3 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। हमले से घायल की घटना से लगभग 6 दिन बाद मौत हो गई थी, लेकिन अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त के हमले को इसके लिए जिम्मेवार नहीं माना और संदेह का लाभ देते हुए हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया गया। इस मामले पर फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवस्तव की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने पैरवी की थी।
मामला जामुल थाना का है। जामुल के नालंदा स्कूल के पीछे रहने वाले पुनीतराम साहू का अपने पडौसी अशोक राजपूत उर्फ सुरेश (43 वर्ष) से किसी बात को लेकर विवाद था। इसी विवाद को लेकर 20 फरवरी 2019 की शाम घर में मौजूद पुनीत के साथ गाली गलौच कर अशोक ने उस पर ब्लेड व ईट से हमला कर दिया था। घायल पुनीत ने इसकी शिकायत जामुल थाना में दर्ज कराई थी। घायल पुनीत का उपचार जिला अस्पताल में किया गया था। जिसके बाद वह घर चला गया था। 23 फरवरी को सीने में दर्द की शिकायत होने पर वह फिर से उपचार के लिए जिला अस्पताल में दाखिल हुआ और 26 फरवरी 2019 को उसकी मौत हो गई थी। पुनीत की मौत के बाद पुलिस ने आरोपी अशोक राजपूत के खिलाफ हत्या का भी अपराध पंजीबद्ध कर लिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत में दफा 294, 302, 506 बी, 324 के आरोपों के तहत किया गया। प्रकरण में विचारण के दौरान मृतक का चिकित्सकीय परीक्षण करने वाले डॉक्टर ने न्यायालय को बताया कि मारपीट में घायल को सिर पर साधारण चोटें आई थी, जो जानलेवा नहीं थी। वहीं शव परीक्षण में भी मौत का कारण सिर पर लगी चोटें नहीं है। गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त अशोक राजपूत को दफा 294, 302 तथा 506 बी के आरोपों से संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त करार दिया। वहीं तेजधार हथियार से हमला कर घायल करने के आरोप में दफा 324 के तहत दोषी करार दिया गया। अभियुक्त को दफा 324 के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 100 रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है। अभियुक्त को घटना के बाद पुलिस ने 23 फरवरी 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जिसके बाद से वह फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरूद्ध है।