दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने ग्राम चंदखुरी और रिसामा के गौठानों का अवलोकन किया। उन्होंने यहां स्वसहायता समूहों द्वारा किए जा रहे नवाचारों को देखकर सरहाना की। चंदखुरी में गौठान के बगल से फेंसिंग लगाकर स्वसहायता समूह की महिलाएं उद्यानिकी फसलें उगा रही हैं। यहां वे पपीता, अमरूद और एप्पल बेर लगा रही हैं। इसके साथ ही वे वर्मी कंपोस्ट का अपना मूल काम भी कर रही हैं। इसी तरह रिसामा की महिलाएं हल्दी लगा रही हैं। मुर्गी शेड की भी भी तैयारी है।
इस दौरान सीईओ जिला पंचायत सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि चंदखुरी की महिलाएं गोधन न्याय योजना के लांच होने से पूर्व बनाये गए वर्मी कंपोस्ट की बिक्री वे कर चुकी हैं और अब उनके वर्मी टैंक फिर से भर गए हैं। रिसामा में वर्मी कंपोस्ट की एक खेप तैयार हो गई है। विशेषज्ञों की देखरेख में यह बनाया गया। जल्दी वर्मी तैयार हो, इसके लिए डिकंपोसर डाला गया। अब यहां जो वर्मी खाद तैयार हुआ है वो बिल्कुल चायपत्ती की तरह का है जो काफी गुणवत्तायुक्त माना जाता है। जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि वर्मी खाद जल्दी तैयार हो, इस उद्देश्य से डिकंपोजर का प्रयोग किया गया। इसमें 2500 लीटर पानी में 25 किलोग्राम गुड़ और डिकंपोजर का साल्यूशन डाला जाता है। इससे खाद केवल 70 दिनों में तैयार हो जाता है। कलेक्टर ने स्वसहायता समूहों की महिलाओं की प्रशंसा की। इन्होंने कलेक्टर को बताया कि गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर आय के अवसर उपलब्ध हुए हैं और इस दिशा से हम लोग पूरी ऊर्जा से काम कर रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि गौठान को विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों का केंद्र बनाना है। यहां पर मुर्गी पालन, मछली पालन, उद्यानिकी फसलों के साथ ही स्थानीय बाजारों की जरूरतों के मुताबिक चीजें तैयार करनी हैं। इससे आप लोगों के आर्थिक लाभ का स्तर तेजी से बढ़ जाएगा। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अभी नीम और अन्य कड़वी पत्तियों के माध्यम से कीटनाशक तैयार किया है जिसे सौ रुपए लीटर में बेच रही हैं और अच्छा लाभ अर्जित कर रही हैं। कलेक्टर ने इन महिलाओं से समस्याएं भी पूछीं और कहा कि आप लोगों को आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए हर संभव सहयोग प्रशासन द्वारा दिया जाएगा।