दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोना काल में निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली पर एनएसयूआई ने डीईओ के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। एनएसयूआई ने कलेक्टोरेट में प्रदर्शन कर डीईओ पर निजी स्कूलों से मिलीभगत के आरोप लगाए। विद्यार्थियों का कहना था कि निजी स्कूलों से मिलीभगत के कारण डीईओ मनमानी फीस वसूली पर कार्रवाई तो दूर पारदर्शिता से जांच तक नहीं कर रहे। विद्यार्थियों ने जल्द स्कूलों में तालाबंदी और आंदोलन की चेतावनी दी।
एनएसयूआई के कार्यकारी अध्यक्ष सोनू साहू के नेतृत्व में विद्यार्थी कलेक्टोरेट पहुंचे थे। विद्यार्थियों ने बताया कि डीईओ को चार बड़े स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली और तकादा के रूप में पालकों को भेजे गए मोबाइल संदेश का स्क्रीन शॉट डीईओ को दिया गया है। इस मामले को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपकर मांग की जा चुकी है, लेकिन वे कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। हर बार कार्रवाई के नाम पर आश्वासन देकर विद्यार्थियों को लौटा दिया जाता है। विद्यर्थियों का कहना है कि कर्तव्य से भटककर डीईओ उदासीन रवैया के साथ पालकों को फीस जमा करने के लिए गुमराह कर दबाव बना कर रहे है। सोनू साहू ने बताया कि अशासकीय विद्यालयों द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानन कर ट्यूशन फीस के साथ पूरे वर्ष का फीस ले रहे है। पूछे जाने पर निजी स्कूल द्वारा ट्यूशन फीस में वृद्धि बताया जा रहा है। विद्यर्थियों ने डिप्टी कलेक्टर दिव्या वैष्णव को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा और निजी स्कूलों के साथ डीईओ पर भी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान शिवांग साहू, अंकित साहू, अमोल जैन, विकास राजपूत, गोल्डी कोसरे, हरीश देवांगन, यश तेजस्वी सहित बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे।