केसरा और बोरेन्दा की बाड़ियों का निरीक्षण किया कलेक्टर ने, अधिकारियों और स्वसहायता समूह की महिलाओं की सराहना

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। लॉक डाउन के पहले चरण में जान है तो जहान है की बात प्रमुख थी। फिर दूसरे दौर में जान भी जहान भी की बात हुई। पाटन ब्लॉक में केसरा और बोरेन्दा की स्वसहायता समूह की महिलाओं ने लॉक डाउन के दौरान संक्रमण से रोकथाम के उपायों को सुनिश्चित करते हुए अपनी बाड़ी सहेजी और अब वहां सब्जी की फसल गुलजार हो गई है। कलेक्टर अंकित आनंद आज इन बाड़ियों को देखने पहुंचे। उन्होंने कहा कि आप लोगों का काम शानदार रहा है। राज्य शासन सुराजी गांवों की संकल्पना को लेकर काम कर रही है। सुराजी अर्थात आत्मनिर्भर गांव। आपने इस सपने को आकार दे दिया। खाली पड़ी इन जमीनों पर आज बाड़ी गुलजार हो गई है। आप लोग इन सब्जियों का इस्तेमाल तो कर ही रहे हैं। ग्रामीणों को भी उपलब्ध करा रहे हैं। इस तरह आपने अपने गांव को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना लिया है। कोविड आपदा जैसे दौर हमें यह भी बताते हैं कि जो प्रयोग हमने शुरू किए, वो कितने दूरदर्शी हैं और किस तरह से बड़ी संभावना लेकर आये हैं।

इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने बताया कि बाड़ी के निर्माण में स्थानीय अमले का भी बड़ा सहयोग रहा। विशेष रूप से रोजगार सहायकों की बड़ी भूमिका रही। उन्हें सम्मानित भी किया गया है। जनपद सीईओ मनीष साहू, कृषि, उद्यानिकी और आरईएस के अमले ने भी इस दिशा में अच्छा काम किया कलेक्टर ने सभी की तारीफ करते हुए कहा कि अच्छा कार्य मिसाल की तरह होता है जिससे बहुत से लोग प्रेरणा लेते हैं।
क्वारन्टीन केंद्र भी पहुंचे कलेक्टर-
कलेक्टर ने इस मौके पर पाटन के क्वॉरेंटाइन केंद्र का निरीक्षण भी किया। साथ ही उन्होंने सोनपुर ग्राम में बने क्वॉरेंटाइन केंद्र का निरीक्षण भी किया। यहां एमपी से लौटे ग्रामीणों को ठहराया गया है। कलेक्टर ने यहां बुनियादी सुविधाओं का जायजा लिया। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया की क्वारन्टीन केंद्रों में सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाए ताकि बाहर से आने वाले ग्रामीणों को किसी तरह की तकलीफ ना हो। एसडीएम विनय पोयाम ने बताया कि चिन्हांकित केंद्रों में सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कर ली गई है।

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