रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पिछले दिनों वन विभाग की बैठक लेकर रायपुर से बस्तर तक 300 किलोमीटर सड़क के दोनों ओर छायादार और फलदार पौधों के सघन वृक्षारोपण के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य की पांच नदियों शिवनाथ, खारून, इंद्रावती, हसदेव तथा अरपा नदियों के दोनों ओर तटों पर जहां पानी का कटाव हो रहा है, वहां सीमांकन कराकर कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। इस संबंध में मुख्य सचिव आर.पी. मंडल ने वन विभाग के प्रमुख सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि मुख्यमंत्री के मंशानुरूप दिए गए निर्देशों पर त्वरित अमल करते हुए समय-सीमा में कार्य पूर्ण किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा है कि वन विभाग को राजधानी रायपुर से बस्तर तक सड़क के दोनों ओर 300 किलोमीटर के पथ मार्ग में छायादार तथा फलदार वृक्षों के वृक्षारोपण हेतु आवश्यक तैयारियां की जाए। इसी तरह प्रदेश की पांच नदियों शिवनाथ, खारून, इंद्रावती, हसदेव तथा अरपा नदियों के दोनों ओर तटों पर जहां पानी का कटाव हो रहा है, वहां सीमांकन कराकर एक सप्ताह में कार्ययोजना तैयार करते हुए प्राथमिकता के आधार पर कैम्पा अथवा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मद के अंतर्गत वृहद वृक्षारोपण भी सुनिश्चित किया जाए। नरवा (नाला) में जहां आवश्यक हो, वहां वृक्षारोपण किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा है कि स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामानों जैसे- गोठानों से तैयार किया गया वर्मी कम्पोस्ट खाद, समस्त ट्री-गार्ड, सीमेंट पोल तथा चैनलिंग फेंसिंग आदि की शत्-प्रतिशत खरीदी वन विभाग द्वारा की जाए।