कर रहे थे 1 हजार किलो की गांजा तस्करी, अदालत ने दो को सुनाई 10 साल कैद की सजा, दो अब भी फरार

गांजा तस्करी के मामले में अदालत द्वारा दो आरोपियों को 10-10 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश गरिमा शर्मा की अदालत में शुक्रवार को सुनाया गया। आरोपियों को पुलिस ने 1 हजार 60 किलों अवैध गांजा की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजय कसार ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अवैध गांजा की यह बरामदगी मोहन नगर पुलिस द्वारा 25 अप्रैल 2018 को बाफना टोल प्लाजा के पास की थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि टाटा 407 क्र. सीजी 07-जेबी-8303 के माध्यम से राजनांदगांव से रायपुर की ओर गांजा का अवैध परिवहन किया जा रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने नाकेबंदी कर टाटा 407 को अपने कब्जें में लिया था। तलाशी के दौरान वाहन की ट्राली के केबिन में रखे 189 पैकेट गांजा से भरे हुए बरामद किए गए। बरामद गांजा की तौल कराए जाने पर यह 10 क्विंटल 60.5 किलोग्राम निकला। पुलिस ने आरोपी पदमागिरी (मलकानगिरी, ओडिसा) निवासी वाहन चालक सुधांशु नायक (39 वर्ष) तथा कंडक्टर कार्तिक मंडल (38 वर्ष) को अपनी गिरफ्त में लेकर गांजा को जब्त कर लिया गया। मामले को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 (ख) तथा 27 (क) के तहत पंजीबद्ध कर विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात विसेष न्यायाधीश गरिमा शर्मा ने आरोपी को विक्रय के उद्देश्य से अवैध गांजा का परिवहन करने का दोषी करार दिया। आरोपी सुधांशु नायक व कार्तिक मंडल को एनडीपीएस की धारा 20 (ख)(2)(ग) तथा 27 (क) के तहत 10-10 वर्ष कारावास व 1-1 लाख रु. के अर्थदंड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्तों को 1-1 वर्ष का कारावास अतिरिक्त भोगना होगा।
दो अब भी फरार
मामले के दो अन्य आरोपियों को बरामदगी के 2 साल बाद भी फरार है। इस मामले में पुलिस ने कोटा, रायपुर निवासी वाहन मालिक प्रसन्नजीत राय तथा मलकानगिरी निवासी दीपक विश्वास के खिलाफ भी अपराध पंजीबद्ध किया गया था। दोनों ही आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है।

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