छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के रामपुर गांव में एक पुलिस कांस्टेबल, जो भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे थे, ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक कांस्टेबल, अनिल रत्नाकर, ने एक सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि निचले स्तर के कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है जबकि अधिकारियों को बचाया जा रहा है। इस घटना ने राज्य में राजनीतिक विवाद को हवा दे दी है।
शनिवार को हुई इस घटना के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। इस बीच, पुलिस ने चार कांस्टेबल समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर 16 नवंबर को आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अंकों में हेरफेर का आरोप है।
सुसाइड नोट में लिखे गंभीर आरोप
अनिल रत्नाकर, जो 2021 में पुलिस बल में शामिल हुए थे, का शव गांव में एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया। उनकी हथेली पर हिंदी में लिखा हुआ था:
“कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है और अधिकारियों को बचाया जा रहा है। सब शामिल हैं।”
इस पर राजनांदगांव के एसपी मोहित गर्ग ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हमने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की है और सभी संबंधित पक्षों से पूछताछ की जा रही है।”
शॉट पुट अंकों में हेरफेर का मामला
17 दिसंबर को दर्ज एफआईआर में दावा किया गया कि भर्ती प्रक्रिया के शारीरिक परीक्षा के शॉट पुट में अंकों के साथ हेरफेर किया गया। शिकायतकर्ता उप अधीक्षक तनुप्रिया ठाकुर ने आरोप लगाया कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों को ज्यादा अंक दिए गए।
अब तक 30 संदिग्ध प्रविष्टियां सामने आई हैं। इस घोटाले में निजी कंपनी के दो कंप्यूटर ऑपरेटरों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने तकनीकी सहायता प्रदान की थी।
परिवार का दावा: गलत तरीके से फंसाया गया
अनिल के भाई सुनील ने मीडिया को बताया कि अनिल बेहद परेशान थे और उन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया था। “उनका फोन जब्त कर लिया गया था और उन्होंने एक उधार के फोन से कॉल कर बताया कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। अन्य कर्मियों को भी टारगेट किया जा रहा है।”
राजनीतिक विवाद
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर इस मामले में चिंता जताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने लिखा:
“राजनांदगांव में पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार गंभीर मामला है। अनिल रत्नाकर की आत्महत्या के बाद उनके आरोपों ने कई सवाल खड़े किए हैं। यह दिखाता है कि अधिकारी भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं।”