जयपुर। जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह हुए एलपीजी टैंकर-ट्रक हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हादसे में 37 वाहन और आसपास की इमारतें आग की चपेट में आ गईं। राज्य सरकार के अनुसार, घायलों में से लगभग आधे की स्थिति “बेहद गंभीर” है।
हादसे की जानकारी
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया, “कुल 11 लोगों की मौत हुई है। पांच लोगों को एसएमएस अस्पताल में मृत लाया गया, जबकि पांच ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। एक की मौत जयपुरिया अस्पताल में हुई।”
जयपुर पुलिस आयुक्त बिजू जॉर्ज जोसफ ने मीडिया को बताया कि हादसे के दौरान टैंकर के आउटलेट नोजल को क्षति पहुंचने के कारण गैस रिसाव शुरू हुआ, जिससे भीषण आग लग गई।
आग और धमाके ने बढ़ाई तबाही
हादसा सुबह 5:30 बजे एक स्कूल के सामने हुआ। आग की लपटों ने टैंकर के पीछे चल रहे वाहनों और विपरीत दिशा से आ रहे वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। “आग के कारण टैंकर के पीछे चल रहे वाहन और दूसरी दिशा से आ रहे वाहन भी आपस में टकरा गए,” जोसफ ने कहा।
घायलों की स्थिति गंभीर
डॉ. माहेश्वरी के अनुसार, हादसे के बाद 43 घायलों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से सात वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खीमसर ने बताया कि घायलों में से लगभग आधे की स्थिति “बेहद गंभीर” है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई दर्दनाक घटनाएं
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे की भयावहता को बयान किया। एक बस यात्री ने एएनआई को बताया, “हम राजसमंद से जयपुर जा रहे थे। सुबह 5:30 बजे अचानक बस रुकी और बड़ा धमाका सुना। चारों तरफ आग थी। बस का दरवाजा बंद था, तो हमने खिड़की तोड़कर बाहर छलांग लगाई। हमारे साथ सात-आठ और लोग खिड़की से कूदे। लगातार धमाके हो रहे थे और पास ही एक पेट्रोल पंप था।”