नई दिल्ली। सार्वजनिक सेवा में जवाबदेही और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए सीईओ डॉ. लोकेश एम ने एक बुजुर्ग दंपति के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में तत्काल कार्रवाई की। यह दंपति आवासीय भूखंड विभाग में अपनी दस्तावेजी समस्या के समाधान के लिए घंटों इंतजार करता रहा, जबकि एक कर्मचारी की लापरवाही के कारण उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
डॉ. लोकेश एम ने न केवल मामले की गंभीरता को समझते हुए विभाग का दौरा किया, बल्कि लापरवाह कर्मचारियों के प्रति सख्त रुख अपनाया। उन्होंने सभी कर्मचारियों को 30 मिनट तक खड़े होकर काम करने का निर्देश दिया, जिससे उन्हें यह सबक मिल सके कि नागरिकों के प्रति सेवा में तत्परता और सहानुभूति कितनी जरूरी है। इस घटना का एक 14-सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे सीईओ की प्रशंसा की जा रही है।
भविष्य में सुधार के लिए कदम
डॉ. लोकेश एम ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी विभागों और सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
जनता का समर्थन
इस घटना के बाद अधिकांश जनता ने सीईओ के निर्णय का समर्थन किया। कई लोगों ने कार्यस्थल की संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। कुछ ने सुझाव दिया कि लापरवाह कर्मचारियों की वेतन कटौती की जाए, जबकि अन्य ने बेहतर प्रशिक्षण और नागरिकों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की वकालत की।
संवेदनशीलता का संदेश
डॉ. लोकेश एम का यह कदम यह साबित करता है कि जवाबदेही और संवेदनशीलता सरकारी सेवाओं का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंदों की सहायता में तत्परता और सम्मान का विशेष महत्व है।